रायपुर. प्रदेश में संचालित सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत् कक्षा पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अब निजी स्कूलों की तरह बहुआयामी प्रगति पत्रक (होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड) दिया जाएगा. स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है. बहुआयामी प्रगति पत्रक में सभी विषयों में मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक आंकलन में प्रोजेक्ट, प्रायोजना कार्यों के अंकों को जोड़कर ग्रेड दिया जाएगा. कक्षा में स्थान ग्रेड के आधार पर दिया जाएगा.
संज्ञानात्मक क्षेत्र के लिए प्राप्तांकों का प्रतिशत 91 से 100 तक होने पर ग्रेड-ए प्लस, 81 से 90 प्रतिशत तक ग्रेड-ए, 71 से 80 प्रतिशत तक ग्रेड-बी प्लस, 61 से 70 प्रतिशत तक ग्रेड-बी, 51 से 60 प्रतिशत तक ग्रेड-सी प्लस, 41 से 50 प्रतिशत तक ग्रेड-सी, 33 से 40 प्रतिशत तक ग्रेड-डी और 33 प्रतिशत से नीचे ग्रेड-ई दिया जाएगा. रिपोर्ट कार्ड में भावनात्मक एवं साईकोमोटर क्षेत्र में गुणात्मक टीप दी जाएगी, जिसमें उत्कृष्ट को ग्रेड-ए, अच्छा को ग्रेड-बी और संतोषप्रद को ग्रेड-सी मिलेगा. भावनात्मक क्षेत्र के स्व-अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, पर्यावरण स्वच्छता एवं जागरूकता, सांस्कृतिक, साहित्यिक संप्रेक्षण एवं अभिव्यक्ति, परस्पर सहयोग क्षेत्र में जुलाई से दिसंबर और जनवरी से मार्च तक की अवधि की ग्रेडिंग होगी.
इसी प्रकार साईकोमोटर क्षेत्र के खेल-कूद, योग एवं प्राणायाम, कला प्रदर्शन और कार्यानुभव क्षेत्र में भी जुलाई से दिसंबर और जनवरी से मार्च की अवधि की ग्रेडिंग की जाएगी. उपस्थिति में शाला लगने वाले दिनों की संख्या, उपस्थिति, शाला की आयोजित बैठकों में पालक की उपस्थिति को रिपोर्ट कार्ड में दर्ज किया जाएगा.
सभी स्कूलों में शुरू होगा पालक जागरूकता अभियान
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए नवाचार एवं विविधि गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल लगातार की जा रही है. इसी कड़ी में पालक जागरूकता अभियान सभी स्कूलों में शुरू किया जा रहा है. इसका उद्देश्य पालकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर पठन-पाठन के स्तर को बेहतर बनाना है. सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. एस. भारतीदासन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में पालक जागरूकता अभियान का पालन सुनिश्चित करने और इस अभियान के तहत संचालित गतिविधियों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर इसके रिपोर्ट शासन को भिजवाने के निर्देश दिए हैं.
इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में शाला प्रबंधन समिति एवं पालकों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. पालकों को बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने, नियमित स्कूल आने, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के संबंध में चर्चा करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाएगा. इस अभियान के तहत बच्चों की पढ़ाई में ध्यान देने के नवीन तरीकों को प्रयोग में लाने के बारे में भी राय-मशविरा तथा सक्रिय पालकों की मदद से अन्य पालकों को भी स्कूल एवं बच्चों की शिक्षा से जोड़कर सक्रिय जिम्मेदारी दी जाएगी.
जिला शिक्षा अधिकारियों इस अभियान के संबंध में जारी पत्र में कहा गया है कि पालक जागरूकता अभियान के क्रियान्वयन के लिए कोर ग्रुप का गठन किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक जिले और विकासखण्ड से 5-5 विभागीय अधिकारी का चयन कर कोर ग्रुप में शामिल किया जाएगा. जिला स्तर से सहायक परियोजना अधिकारी (एपीसी), डाईट अकादमिक सदस्य, एसएमसी मास्टर ट्रेनर एवं विकासखण्ड स्तर से सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कोर गु्रप में होंगे. इसी प्रकार संकुल स्तर में प्रत्येक स्कूल से एक सक्रिय शाला प्रबंध समिति के सदस्य, एक शिक्षक, एक सक्रिय माता, चयनित जनप्रतिनिधि और एक प्रभावी व्यक्ति जिसके बात सभी मानते हो उनको कोर ग्रुप में शामिल किया जाएगा.
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