रायपुर. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को अपने चुनावी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के सांसदों और विधायकों से मिलने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचीं. मुर्मू के रायपुर पहुंचने के बाद विमानतल पर रंग-बिरंगे परिधानों में सजे आदिवासी लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य से उनका भव्य स्वागत किया.
सुबह करीब नौ बजकर 50 मिनट पर विशेष विमान से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचीं मुर्मू के स्वागत के लिए स्वामी विवेकानंद विमानतल पर बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय, पूर्व मुख्यमंत्री रमन ंिसह, विधानसभा में विपक्ष के नेता धर्म लाल कौशिक और अन्य पार्टी नेताओं ने हवाई अड्डे पर मुर्मू का स्वागत किया.
भाजपा के एक नेता ने यहां बताया कि हवाई अड्डे से मुर्मू सीधे कैनाल ंिलंिकग रोड गईं, जहां उन्होंने रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. रानी दुर्गावती देश की एक प्रसिद्ध वीरांगना थीं. उन्होंने मध्य प्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र में शासन किया था. इसके बाद मुर्मू जेल रोड स्थित एक होटल में गई, जहां एक बार फिर आदिवासी नृत्य के साथ उसका स्वागत किया गया.
भाजपा नेताओं ने बताया कि झारखंड की पूर्व राज्यपाल मुर्मू ने होटल में बैठक के दौरान भाजपा सांसदों और विधायकों के साथ-साथ विधानसभा में दो अन्य विपक्षी दलों जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के विधायकों के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि साय, जेसीसी (जे) विधायक धर्मजीत ंिसह और बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कार्यक्रम को संबोधित किया और मुर्मू की उम्मीदवारी का स्वागत किया.
एक भाजपा नेता ने बताया कि जेसीसी (जे) और बसपा ने मुर्मू को समर्थन देने के लिए पत्र भी सौंपा. उन्होंने बताया कि इसके बाद मुर्मू ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात की. भाजपा नेताओं ने बताया कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मुर्मू दोपहर करीब ढाई बजे पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गईं.
छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71, भाजपा के 14, जबकि जेसीसी (जे) और बसपा के क्रमश: तीन और दो विधायक हैं. राज्य के 11 सांसदों (लोकसभा सदस्यों) में से नौ भाजपा के हैं, जबकि दो सत्तारूढ़ कांग्रेस के हैं. राज्यसभा में राज्य से कांग्रेस के चार और भाजपा के एक सदस्य हैं.
भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने कहा था कि प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थीं, जबकि मुर्मू अनुसूचित जनजाति समुदाय की पहली महिला होंगी जो सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होंगी. उन्होंने आदिवासी बहुल राज्य के सांसदों से मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की. छत्तीसगढ़ की आबादी में आदिवासियों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत है और यहां पिछले विधानसभा चुनाव में भारी हार का सामना करने वाली विपक्षी भाजपा की नजर मुर्मू की उम्मीदवारी के जरिए चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासियों को लुभाने पर है.
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