रायपुर: दिवाली का त्योहार के बीच में डेंगू का हमला हुआ है। मंगलवार शाम तक रायपुर में डेंगू के 49 केस मिले हैं। इनमें से 30 मरीज तो शहर के भीतरी मोहल्लों और कॉलोनियों के हैं। शेष 19 लोग आसपास के गांवों के बताये जा रहे हैं। एक साथ इतने मरीजों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अचरज में है। दिवाली के अगले दिन बुखार से पीडि़त सैकड़ों लोगों की जांच हुई।
रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई। केवल रायपुर में 49 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। बताया जा रहा है डेंगू के तीन मरीज तो गुढिय़ारी और शिवानंद नगर इलाके में ही मिले हैं। बाकी शहर भर से मरीजों की पुष्टि हुई है। अधिकारियों का कहना है, बरसात खत्म होने के साथ ही डेंगू-मलेरिया के मामले कम होने लगते हैं। लेकिन इस बार देर तक बरसात होने से ताजा पानी जमा हुआ है। इसमें मच्छरों को प्रजनन का अनुकूल माहौल मिल गया। अब वही मच्छर अपना असर दिखा रहे हैं।
रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बताया, स्थिति को नियंत्रण में करने की स्वास्थ्य विभाग की टीम काम कर रही है। अचानक इतने केस क्यों हुए उसकी जांच कर वजह तलाशा जाएगा। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमें प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 से अगस्त 2022 के पहले सप्ताह तक डेंगू के 859 मरीज मिल चुके थे। इसमें से 704 मरीज केवल बस्तर जिले में ही सामने आ चुके।
साल 2020 में पूरे साल भर के दौरान डेंगू के केवल 57 केस मिले थे। लेकिन 2021 में एक हजार 86 मरीजों की पहचान हुई थी। तीन-चार दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया था। टीम बस्तर के जगदलपुर, दंतेवाड़ा सहित कई डेंगू-मलेरिया प्रभावित जिलों में गई। वहां के मामलों और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों आदि की समीक्षा की। उसी टीम ने रायपुर का भी दौरा किया था। बाद में राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक में टीम ने डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए पूरे साल भर सघन अभियान चलाने का सुझाव दिया था।
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