नई दिल्ली (IMNB).
- महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने/प्रवेश करने के आरोप में 5100 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
- 6300 से अधिक व्यक्तियों को दिव्यांजनों के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने/प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया।
रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्रियों, यात्री क्षेत्र और उससे संबंधित मुद्दों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यात्रियों को सुगम यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए और उनके बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए, आरपीएफ ने महीने भर चलने वाला अभियान शुरू किया और (i) महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित डिब्बों में अनधिकृत प्रवेश के खिलाफ (ii) किन्नरों द्वारा उपद्रव, भीख मांगना और जबरन वसूली के खिलाफ और (iii) सामान्य कोचों में अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा सीट हड़पने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।
इस अभियान के दौरान, 5100 से अधिक व्यक्तियों को महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने/प्रवेश करने के लिए तथा 6300 से अधिक व्यक्तियों को दिव्याजनों के लिए आरक्षित डिब्बों में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया और ऐसे लोगों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की गई। इस दौरान इन अपराधियों से क्रमशः 6.71 लाख और 8.68 लाख रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए गए।
कुछ किन्नरों द्वारा ट्रेन में उपद्रव करने और यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार करने के बारे में कई शिकायतें सामने आती रही हैं। इस अभियान के दौरान सघन प्रयास करते हुए 1200 से अधिक किन्नरों को ऐसी गतिविधियां करते हुए पकड़ा गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। इनसे रेलवे एक्ट के प्रावधान के तहत जुर्माने के तौर पर 1.28 लाख रुपये की राशि वसूल की गई।
इसके अलावा, लंबी दूरी की ट्रेनों के सामान्य डिब्बों में सीट पर कब्जा करने के खतरे को रोकने के लिए अभियान चलाए गए। 36 व्यक्तियों को सीटों पर तौलिया फैलाने/सीट पर कब्जा करने के मामलों में शामिल होने की पहचान की गई, उन्हें पकड़ा गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई।
आरपीएफ को भविष्य में भी इसी भावना से ऐसे अभियान जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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