गेड़ी दौड़ में बिलासपुर संभाग ने मारी बाजी प्रतियोगिता के दूसरे दिन भी खेल प्र्रतिभा का शानदार प्रदर्शन

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खिलाड़ियों में पारंपरिक खेलों के प्रति दिखा खासा उत्साह

रायपुर, 09 जनवरी 2023/ राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दूसरे दिन आज छत्रपति शिवाजी महाराज आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा, रायपुर में पारंपरिक खेल गेंडी दौड़, संखली, रस्साकशी, पिट्ठुल और बांटी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रतियोगिता में प्रदेश के पांचों संभाग रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर के प्रतिभागी शामिल हुए। इस दौरान पारंपरिक खेलों के प्रति प्रतिभागियों और साथी खिलाड़ियों में खासा उत्साह दिखाई दिया।


गेड़ी दौड़ प्रतियोगिता में बिलासपुर संभाग का शानदार प्रदर्शन
गेड़ी दौड़ प्रतियोगिता में बिलासपुर संभाग का शानदार प्रदर्शन रहा। बिलासपुर संभाग ने महिला वर्ग की तीनों श्रेणियों 18 वर्ष से कम आयु वर्ग, 18 से 40 आयु और 40 से अधिक वर्ग में बाजी मारकर पहला स्थान प्राप्त किया। इसी तरह पुरूष वर्ग के 40 वर्ष से अधिक आयु श्रेणी की गेड़ी दौड़ प्रतियोगिता में भी बिलासपुर संभाग ने पहला स्थान प्राप्त किया।
गेड़ी दौड़ स्पर्धा में 40 वर्ष से अधिक महिला वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए बिलासपुर संभाग से लक्ष्मीबाई सिदार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और दुर्ग संभाग से चितरेखा द्वितीय स्थान पर रही तथा रायपुर संभाग से दशोदा ध्रुव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार 40 वर्ष से अधिक पुरूष वर्ग की गेड़ी दौड़ स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए बिलासपुर संभाग से आत्माराम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, बस्तर संभाग से निरसिंह तुलावी द्वितीय स्थान पर रहे तथा रायपुर संभाग से दशरू सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
गेड़ी दौड़ स्पर्धा में 18 वर्ष से 40 वर्ष पुरूष वर्ग में दुर्ग संभाग से पुनेश धुर्वे ने तेज दौड़ लगाई और प्रथम स्थान प्राप्त किया, बिलासपुर संभाग से राकेश ध्रुव द्वितीय स्थान पर रहे तथा रायपुर संभाग से डीगमचंद ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार 18 वर्ष से 40 वर्ष की महिला वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए बिलासपुर संभाग से सफिला कंवर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और दुर्ग संभाग से नम्रता साहू  द्वितीय स्थान पर रही तथा रायपुर संभाग की संगीता लहरे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
गेड़ी दौड़ में 18 वर्ष से कम आयु वर्ग में भी प्रदेश के पांचों संभाग से विजयी महिला एवं पुरूष प्रतिभागी शामिल हुए। इस वर्ग में भी बिलासपुर संभाग का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा और वहां की राजेश्वरी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और दुर्ग संभाग से प्रज्ञा विश्वकर्मा द्वितीय स्थान पर रही तथा बस्तर संभाग से मोनिका निषाद ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसी आयु वर्ग में सरगुजा संभाग से पुरूष प्रतिभागी भुपेन्द्र कुमार राजवाड़े ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया और बिलासपुर संभाग से दीपक भास्कर द्वितीय स्थान पर रहे तथा दुर्ग संभाग से योगेश धुर्वे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
बांटी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने साधा निशाना
बांटी (कंचा) की प्रतियोगिता – छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दूसरे दिन बांटी प्रतियोगिता में 18 वर्ष से कम और 18 से 40 वर्ष तक के खिलाड़ियों के लिए स्पर्धा का आयोजन हुआ। इसमें से 18 से कम उम्र के पुरूष वर्ग में बस्तर संभाग प्रथम, सरगुजा संभाग द्वितीय और बिलासपुर संभाग ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी तरह महिला वर्ग में प्रथम स्थान पर बिलासपुर संभाग, द्वितीय स्थान पर रायपुर संभाग एवं तृतीय स्थान पर दुर्ग संभाग ने कब्जा जमाया। 18 से 40 वर्ष उम्र के पुरूष वर्ग में बस्तर संभाग और महिला वर्ग में दुर्ग संभाग विजेता रहा। पुरूष वर्ग में रायपुर और सरगुजा संभाग ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। महिला वर्ग में दुर्ग और रायपुर संभाग ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
पिठ्ठूल प्रतियोगिता 18 वर्ष से कम आयु की बालिका वर्ग में सरगुजा संभाग ने प्रथम, बिलासपुर संभाग ने द्वितीय एवं बस्तर संभाग ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालक वर्ग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रायपुर संभाग का दबदबा रहा। द्वितीय स्थान बस्तर संभाग एवं तृतीय स्थान सरगुजा संभाग ने प्राप्त किया। संखली प्रतियोगिता में आज 18 वर्ष से कम आयु के बालक वर्ग में रायपुर संभाग और बालिका वर्ग में बस्तर संभाग की टीम ने फाईनल में स्थान पक्का कर लिया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देेने के उद्देश्य के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया गया है। इस प्रतियोगिता में 14 खेलों को शामिल किया गया है। इसके तहत दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्टुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ तथा लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं। घरेलू महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी इस ओलंपिक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।

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