– पाँच प्रमुख भारतीय उद्योगों में गैरकानूनी कारोबार ने लगाया सरकार को 58,521 करोड़ रु. के टैक्स का चूना – फिक्की कास्केड रिपोर्ट
रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सुरक्षा, योजना आर्थिक व सांख्यिकीय, संस्कृति मंत्री, अमरजीत भगत ने कहा कि ‘‘टेक्नॉलॉजी की तीव्र वृद्धि ने आर्थिक अपराध और साईबर अपराधों में भारी वृद्धि की है।’’ उन्होंने बताया कि गैरकानूनी व्यापार देश में आर्थिक वृद्धि के मार्ग में बड़ी रुकावट है। बीते सालों में सरकार ने गैरकानूनी व्यापार पर लगाम लगाने और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनेक उपाय किए हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए ग्राहकों के बीच जागरुकता बढ़ाए जाने की बहुत जरूरत है।
फिक्की कास्केड (कमिटी अगेंस्ट स्मग्लिंग एंड काउंटरफीटिंग एक्टिविटीज़ डेस्ट्रॉयिंग द इकॉनॉमी) कार्यक्रम में ‘प्रिवेंटिव स्ट्रेट्जीज़ टू कंबैट काउंटरफीटिंग एंड स्मग्लिंग’ (जालसाजी और तस्करी को रोकने की रणनीतियाँ) विषय पर बोलते हुए श्री भगत ने कहा कि उपभोक्ताओं को इस समस्या की बहुआयामी जटिलता को समझना चाहिए। उन्होंने फिक्की कास्केड से इस तरह के जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करते रहने का आग्रह किया ताकि आम जनता जालसाजी और तस्करी रोकने का महत्व समझ सके।
टोपेश्वर वर्मा, सचिव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सुरक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा, ‘‘शिक्षा किसी भी देश की प्रगति के लिए सबसे शक्तिशाली अस्त्र है।’’ उपभोक्ताओं के बीच अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों की बढ़ती जागरुकता और चेतना ने उनके हितों को बढ़ावा देने व उनकी रक्षा करने का महत्व स्थापित करने में बहुमूल्य योगदान दिया है।
पी.सी. झा, एडवाईजऱ, फिक्की कास्केड एवं पूर्व चेयरमैन, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज़ एंड कस्टम्स ने कहा, ‘‘गैरकानूनी कारोबार गंभीर चिंता का विषय है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचता है, ब्रांड की छवि खराब होती है, और सबसे बड़ी बात कि नागरिकों का स्वास्थ्य व सुरक्षा प्रभावित होते हैं। इसलिए इसका तुरंत हल निकाले जाने की जरूरत है। पिछले बीस सालों में विश्व में जालसाजी की गतिविधियाँ 100 गुना बढ़ी हैं और गैरकानूनी व्यापार का आकार वैध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के 10 प्रतिशत के बराबर है (विश्व के संपूर्ण आर्थिक आउटपुट का लगभग 2 प्रतिशत)।
गैरकानूनी व्यापार की समस्या जितनी गंभीर दिखती है, उससे कहीं ज्यादा बड़ी है।’’
अभिजीत पति, चेयरमैन, फिक्की छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल एवं सीईओ और डायरेक्टर, बालको (वेदांता ग्रुप) ने कहा, ‘‘पिछले दस सालों में गैरकानूनी व्यापार 650 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढक़र लगभग 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो विश्व के व्यापार का 10 प्रतिशत है, इसलिए इसे एफबीआई ने 21वीं सदी का अपराध कहा है।’’ आज सभी अंशधारकों द्वारा संगठित प्रयास किए जाने और इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।’’
इस अवसर पर मंत्री जी ने फिक्की कास्केड द्वारा ‘रोल ऑफ यूथ इन मेकिंग इंडिया फ्री फ्रॉम स्मग्लिंग एंड काउंटरफीटिंग’ (भारत से तस्करी और जालसाजी को खत्म करने में युवाओं की भूमिका) विषय पर आयोजित इंटर-स्कूल/कॉलेज प्रतियोगिता के लिए स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। इस प्रतियोगिता में शहर के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के 450 से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
इस सेमिनार में जालसाजी और स्मग्लिंग के खतरों पर जागरुकता बढ़ाए जाने के महत्व और भारत में आर्थिक विकास लाने के लिए प्रभावशाली क्रियान्वयन की जरूरत पर भी चर्चा की गई। इस सेमिनार में फिक्की कास्केड की हाल ही की रिपोर्ट, ‘‘इल्लिसिट मार्केट्स: ए थ्रेट टू अवर नेशनल इंटरेस्ट्स’’ के बारे में भी विचारविमर्श किया गया, जिसमें भारत में पाँच प्रमुख उद्योगों – मोबाईल फोन, एफएमसीजी- हाउसहोल्ड एवं व्यक्तिगत वस्तुओं, एफएमसीजी- पैकेज्ड फूड्स, तम्बाकू उत्पादों, और एल्कोहलिक बेवरेज में गैरकानूनी व्यापार के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
प्रतिबंधित और तस्करी से आने वाले सामान का बाजार भारत में फल-फूल रहा है और आज यह भारतीय उद्योग के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। देश में विभिन्न उत्पाद श्रेणियों, जैसे गोल्ड, सिगरेट, कॉस्मेटिक्स, दवाईयों, ज्वेलरी, रेडीमेड कपड़ों, एल्कोहल, कैपिटल गुड्स और कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में बड़े स्तर पर तस्करी हो रही है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हो रहा है। तस्कर छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के माध्यम से उत्तर पूर्व और तटीय राज्यों से गैरकानूनी सामान की तस्करी कर भारत के अन्य बाजारों में पहुँचाते हैं।
फिक्की ने एक कमिटी कास्केड का गठन किया है, जिसमें अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के अग्रणी उद्योगों की प्रतिभागिता है। इसका उद्देश्य गैरकानूनी व्यापार की समस्या के बारे में जागरुकता बढ़ाना और इसका सामना करने के लिए सरकार एवं अन्य एजेंसियों की मदद करना है। इस सेमिनार में फिक्की कास्केड की हाल ही की रिपोर्ट, ‘‘इल्लिसिट मार्केट्स: ए थ्रेट टू अवर नेशनल इंटरेस्ट्स’’ (गैरकानूनी बाजार: हमारे राष्ट्रीय हितों को खतरा) के बारे में भी विचारविमर्श किया गया, जिसमें भारत में पाँच प्रमुख उद्योगों – मोबाईल फोन, एफएमसीजी- हाउसहोल्ड एवं व्यक्तिगत वस्तुओं, एफएमसीजी- पैकेज्ड फूड्स, तम्बाकू उत्पादों, और एल्कोहलिक बेवरेज में गैरकानूनी व्यापार के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक उपरोक्त वर्णित उद्योगों में गैरकानूनी बाजार का आकार 2019-20 में 2,60,094 करोड़ रु. था। एफएमसीजी उद्योग – घरेलू एवं व्यक्तिगत सामान और पैकेज्ड़ फूड का हिस्सा पाँचों मुख्य उद्योगों में कुल गैरकानूनी सामानों के तीन चौथाई के बराबर है।
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