दुर्ग 15 फरवरी 2023/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम व सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. योगेश कुमार शर्मा के सफल मार्गदर्शन मे एंव डॉ. दिव्या श्रीवास्तव नोडल अधिकारी आर.बी.एस.के. जिला प्रोग्राम मैनेजर पद्माकर शिंदे के नेतृत्व में आज डी.ई.आई.सी. जिला चिकित्सालय दुर्ग में शिविर संपन्न हुआ।
शिविर में चिकित्सालय के स्पेशिलिस्ट चिकित्सक डॉ. समीत राज प्रसाद शिशु रोग विशेषज्ञ एस.एम.सी. हार्ट इंस्टीटयूट के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अजय चौरसिया एंव डॉ. गौरव जैन उपस्थित थे। शिविर में जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित 41 बच्चो का जाँच किया गया, जिसमे से सर्जरी हेतु 7 बच्चों को चिन्हांकित किया गया, 1 वर्ष बाद 13 बच्चो को पुनः जाँच किया जाना है, 21 बच्चों का ईको जाँच नार्मल पाया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार अन्य बीमारी के 9 बच्चे का पंजीयन हुआ, जिसमे 1 बच्चा कटे फटे होट एंव तालु से ग्रसित था। इनका स्माईल ट्रेन के सहयोग से सर्जरी कराई जायेगी, 1 जन्मजात बधिरता के बच्चे का ई.एन.टी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. रिनु तिवारी द्वारा आगे उपचार हेतु परामर्श तथा 7 अन्य बिमारी के बच्चो को शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा परामर्श एंव उपचार हेतु पंजीकृत किया गया।
अप्रैल 2022 से अब तक 74 बच्चो का चिरायु योजना के अंर्तगत डी.ई.आई.सी मे पंजीकृत आयुष्मान भारत योजना के तहत जिसमे 6 बच्चे का कॉकलियर इंप्लांट हुआ, जिनका निरंतर स्पीच थैरेपी डी.ई.आई.सी ने दिया जा रहा है। ताकि वह बच्चे अन्य सामान्य बच्चों की तरह सुन पायें व सामान्य जिन्दगी जी पायेंगे 37 बच्चे का जन्मजात हृदय रोग की जटील सर्जरी कराई गयी। जिला चिकित्सालय दुर्ग में नेत्र विभाग के नेत्र सर्जन डॉ कल्पना जेप द्वारा 8 बच्चो का जन्मजात मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। 13 बच्चो का कटे फटे होट एंव तालु का 10 बच्चो का हर्निया एंव युरोजनाईटल का सर्जरी निशुल्क कराई गई। 74 बच्चे जिनको जन्मजात विकृती थी, वे चिरायु की मदद से अब सामान्य जिन्दगी जी सकेंगे। इस कैम्प को सफल बनाने में डी.ई.आई.सी टीम एवं चिरायु दल का विशेष योगदान रहा।
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