महादेव का महापर्व:महाकाल-काशी में अब तक 5 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, भक्त लगातार 44 घंटे तक दर्शन कर सकेंगे

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 गुजरात में 31 लाख रुद्राक्षों से 31.5 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया

देशभर में शिव-पार्वती के विवाह उत्सव शिवरात्रि की धूम है। काशी, महाकाल, हरिद्वार, ओंकारेश्वर, सोमनाथ समेत सभी ज्योतिर्लिंगों और बड़े शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। उत्तरप्रदेश के काशी के विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए पूरी रात भक्त लाइन में लगे रहे। वाराणसी पुलिस का दावा है कि सुबह 8.30 बजे तक 3 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। ऐसा ही हाल उज्जैन में महाकाल का है। यहां भी सुबह 8.30 बजे तक पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए हैं।

गुजरात के धर्मपुर में 31 लाख रुद्राक्षों से 31.5 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया गया है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की 2 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। मंदिर के पट तड़के 3 बजे खुल गए थे। अब तक 2 लाख भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं।

उज्जैन का महाकाल मंदिर: एक घंटे पहले खोले गए पट
महाकाल मंदिर के पट आज एक घंटे पहले सुबह 3 बजे खोल दिए गए थे। आमतौर पर सुबह 4 बजे यह पट खुलते हैं। पट खुलने के बाद सुबह 4 बजे से 5 बजे तक भस्मारती हुई। जिन्हें पास मिले हुए थे, उन्होंने गर्भगृह के करीब गणेश मंडपम में बैठकर भस्मारती के दर्शन किए। जबकि, आम श्रद्धालुओं ने छत के रास्ते कार्तिक मंडपम से भस्मारती दर्शन किए।

सुबह बाबा महाकाल का दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया गया है। उन्हें गुलाबी रंग का सेहरा बांध गया।
भस्म आरती के समय बाबा का सुंदर श्रृंगार किया गया।
भस्म आरती के समय बाबा का सुंदर श्रृंगार किया गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के सामने शिव बारात की आकर्षक रंगोली बनाई गई है। रंगोली का ड्रोन वीडियो।
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के सामने शिव बारात की आकर्षक रंगोली बनाई गई है। रंगोली का ड्रोन वीडियो।
महाकाल मंदिर में सुबह 8.30 बजे तक करीब पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने महादेव के दर्शन किए।
महाकाल मंदिर में सुबह 8.30 बजे तक करीब पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने महादेव के दर्शन किए।

भक्त लगातार 44 घंटे तक दर्शन कर सकेंगे
महाकाल में 19 फरवरी की रात तक गर्भगृह के कपाट खुले रहेंगे। इस तरह यहां भक्त लगातार 44 घंटे तक दर्शन कर सकेंगे। शिवरात्रि के अगले दिन यानी 19 फरवरी को सुबह 11 बजे महाकाल का सेहरा उतारा जाएगा। उनके स्वर्ण आभूषण लॉकर में रखकर सील किए जाएंगे। दोपहर 12 बजे से भस्म आरती होगी, जो साल में एक बार ही दिन में आयोजित की जाती है।

महाकाल के दर्शन के लिए रात में ही डेढ़ किलोमीटर लंबी कतार लग गई थी। आज श्रद्धालुओं को महाकाल के दर्शन दो घंटे में हो पा रहे हैं।
महाशिवरात्रि पर्व के चलते उज्जैन के सभी होटल बुक हैं। इसकी वजह से लोगों ने शुक्रवार की रात पार्किंग, फुटपाथ और मंदिर के आसपास गुजारी।

क्षिप्रा तट पर अयोध्या का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी
महाशिवरात्रि पर उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम होगा। इसमें बनने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए 21 लाख दीये जलाए जाने हैं। इसके लिए 52 हजार लीटर तेल, रुई की 25 लाख बाती, 600 किलो कपूर और चार हजार माचिस मंगाई गई हैं। अभी तक अयोध्या में 15.76 लाख दीये जलाने का रिकॉर्ड है। खास बात यह है कि पूरा कार्यक्रम जीरो वेस्ट होगा। इधर, वाराणसी में भारत की मेजबानी में हो रही G-20 की थीम पर शिव बारात का आयोजन किया जाना है।

उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के लिए 21 लाख दीये और बाकी सामग्री पहुंच चुकी है।
उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के लिए 21 लाख दीये और बाकी सामग्री पहुंच चुकी है।

काशी विश्वनाथ मंदिर: ​​​दर्शन के लिए 3 से 4 किमी लंबी लाइन
जानकारी के मुताबिक, काशी विश्वनाथ मंदिर में एक भक्त को लाइन में लगने से लेकर दर्शन करने तक में औसतन 30 से 35 मिनट का वक्त लग रहा है। मंदिर का पट सुबह 3.30 बजे खुल गया था। वाराणसी पुलिस का दावा है कि सुबह (6 बजे तक) विश्वनाथ मंदिर में 2 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह 3.30 बजे बाबा की श्रृंगार आरती की गई।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह 3.30 बजे बाबा की श्रृंगार आरती की गई।

विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए शुक्रवार शाम से ही लोग पहुंचे हुए हैं। मंदिरों के चारों गेट के बाहर 3 से 4 किमी लंबी लाइन देखी गई। हालांकि, मंदिर प्रबंधन ने भक्तों को तेजी से दर्शन कराने की योजना बनाई है, ताकि भीड़ को मैनेज किया जा सके।

यह काशी कॉरिडोर के अंदर का आज सुबह का फोटो है। यहां से गर्भगृह में एंट्री होती है।
यह काशी कॉरिडोर के अंदर का आज सुबह का फोटो है। यहां से गर्भगृह में एंट्री होती है।

नीचे तस्वीरों में देखिए, देशभर में शिव के महापर्व का उत्साह…

तमिलनाडु के रामेश्वरम में रामानाथस्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं ने महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा-अर्चना की।
तमिलनाडु के रामेश्वरम में रामानाथस्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं ने महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा-अर्चना की।
गुजरात के धर्मपुर में 31 लाख रुद्राक्ष से 31.5 फीट ऊंचा 'रुद्राक्ष शिवलिंग' बनाया गया है।
गुजरात के धर्मपुर में 31 लाख रुद्राक्ष से 31.5 फीट ऊंचा ‘रुद्राक्ष शिवलिंग’ बनाया गया है।
गुजरात के वेरावल में सोमनाथ मंदिर में सोमनाथ मंदिर सुबह 4 बजे से भक्तों के लिए खोला गया। यहां चार घंटे की विशेष पूजा-आरती और महामृत्युंजय यज्ञ किया गया।
गुजरात के वेरावल में सोमनाथ मंदिर में सोमनाथ मंदिर सुबह 4 बजे से भक्तों के लिए खोला गया। यहां चार घंटे की विशेष पूजा-आरती और महामृत्युंजय यज्ञ किया गया।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में श्री लिंगराज मंदिर में रात से ही श्रद्धालु जमा होने लगे। मंदिर को खूबसूरत रोशनी से सजाया गया है।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में श्री लिंगराज मंदिर में रात से ही श्रद्धालु जमा होने लगे। मंदिर को खूबसूरत रोशनी से सजाया गया है।
देवघर में महाशिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की शृंगार पूजा नहीं की जाती है। रात 9 बजे तक मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद रात साढ़े नौ बजे से बाबा भोलेनाथ की चार पहर की विशेष पूजा शुरू होगी।
देवघर में महाशिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की शृंगार पूजा नहीं की जाती है। रात 9 बजे तक मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद रात साढ़े नौ बजे से बाबा भोलेनाथ की चार पहर की विशेष पूजा शुरू होगी।
वाराणसी में शुक्रवार की रात को गंगा आरती के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी।
वाराणसी में शुक्रवार की रात को गंगा आरती के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी।
गंगा आरती के दौरान महादेव की आरती करते हुए पुजारी, शुक्रवार से ही यहां उत्सव जैसा माहौल है।
गंगा आरती के दौरान महादेव की आरती करते हुए पुजारी, शुक्रवार से ही यहां उत्सव जैसा माहौल है।

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