अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: पॉडकास्ट एवं बहुभाषा शिक्षा की समझ पर आनलाईन कोर्स की होगी शुरुआत मातृभाषा दिवस: पॉडकास्ट एवं बहुभाषा शिक्षा की

Estimated read time 1 min read

*समझ पर आनलाईन कोर्स की होगी शुरुआत*

रायपुर, 20 फरवरी 2023/ अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी के अवसर पर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों द्वारा बोले जाने वाली भाषा एवं बोलियों में प्रचलित कहानियों पर आधारित पॉडकास्ट तैयार कर कक्षाओं में उनका उपयोग करना प्रारंभ किया जा रहा है। इसके साथ ही लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एल.एल.एफ.) द्वारा बहुभाषा शिक्षा की समझ पर तैयार आनलाईन कोर्स को भी जिला एवं विकासखंड स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के लिए प्रारंभ किया जा रहा है। इस कोर्स को करने के बाद अधिकारी बहुभाषा शिक्षण के प्रति संवेदनशील होकर बच्चों को उनकी भाषा में सीखने के लिए समुचित अवसर प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राज्य में स्कूली बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में शिक्षा देने की घोषणा की गई है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा इस कार्य की निरंतर समीक्षा की जा रही है। जिसके आधार पर मातृभाषा शिक्षण पर विभिन्न कार्य प्रारंभ किए गए हैं, इसका लाभ राज्य में आदिवासी अंचल के बच्चों को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एल.एल.एफ.) और यूनिसेफ के सहयोग से भाषाई सर्वेक्षण का कार्य भी पूरा किया गया है।

राज्य में वर्तमान में शिक्षकों की एक टीम द्वारा प्रतिमाह चर्चा पत्र को पॉडकास्ट के रूप में प्रकाशित किया जाता है। इसे शिक्षक बड़ी रूचि से सुनते हैं और उसमें कही गयी बातों को अपनी-अपनी कक्षा में लागू करने का प्रयास करते हैं। इसी कड़ी में कुछ विशेषज्ञ शिक्षकों, कुछ स्थानीय भाषा के जानकार शिक्षकों एवं कुछ बाह्य संस्थाएं जो इस कार्य में सहयोग देना चाहते हों, उनके साथ मिलकर विभिन्न स्थानीय कहानियों का संकलन, उन पर पॉडकास्ट बनाना, बाद में चयनित कुछ कहानियों का प्रिंट वर्जन भी साझा करना जैसे कार्य इस टीम के साथ मिलकर किए जाएंगे। इस कार्य के लिए इच्छुक लोगों की टीम सोशल मीडिया के माध्यम से बनायी जाएगी।

इस पॉडकास्ट का स्कूलों में शिक्षकों द्वारा अपने मोबाइल, प्राथमिक शालाओं में उपलब्ध स्पीकर आदि का उपयोग कर इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। इस पॉडकास्ट को सुनकर बच्चे अपनी संस्कृति, इतिहास एवं परंपराओं को जानकार आत्म गौरवान्वित हो सकेंगे। पॉडकास्ट निर्माण में तकनीकी समर्थन, इनके कक्षाओं में उपयोग के लिए उपकरण की आवश्यकता के आधार पर मांग एवं समर्थन हेतु “विद्यांजली” पोर्टल पर भी इसे अपलोड किया जाना प्रस्तावित है।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्थानीय भाषा के जानकार शिक्षकों, समुदाय के सक्रिय बड़े-बुजुर्गों, तकनीकी रूप से सक्षम शिक्षकों को पॉडकास्ट तैयार करने में सहयोग देने एवं सभी अधिकारियों को इस आनलाईन कोर्स को गंभीरतापूर्वक करने की अपील की है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours