भारत और स्वीडन के बीच सहयोग ज्ञापन ( एमओसी )  अनुसंधान में सहयोग को सुदृढ़  करेगा

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New Delhi (IMNB). अनुसंधान संस्थानों के बीच अनुसंधान नेटवर्किंग को बढ़ावा देने और परस्पर सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए भारत के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) और स्वीडन के द स्वीडिश फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन इन रिसर्च एंड हायर एजुकेशन (स्टिंट) , स्टॉकहोम, स्वीडन के बीच एक सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए ।

इस सहयोग ज्ञापन  पर आज 13 मार्च 2023 को विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड के सचिव डॉ. अखिलेश गुप्ता और द स्वीडिश फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन इन रिसर्च एंड हायर एजुकेशन (एसटीआईएनटी) के कार्यकारी निदेशक डॉ. एंड्रियास गोथेनबर्ग, द्वारा डॉ. एरिक फोर्सबर्ग , एपीएसी , स्टिंट के प्रतिनिधि और डॉ. एरिक फोर्सबर्ग, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग  ( डीएसटी ),  के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर और अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग और विदेश व्यापार राज्य मंत्री के राज्य सचिव ( स्टेट सेक्रेटरी टू मिनिस्टर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट एंड ट्रेड ) श्री हाकन जेवरेल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए थे  ।

इस सहयोग ज्ञापन ( मेमोरेंडम ऑफ़ कोऑपरेशन ) का उद्देश्य दोनों देशों में ग़तिशीलता वित्तपोषण  के अवसरों को बढ़ावा देना है। यह गतिशीलता गतिविधियों के साथ-साथ सेमिनारों, कार्यशालाओं और सम्मेलनों के माध्यम से अकादमिक सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा ।

 

अपने विशेष संबोधन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में विशेषकर  भारत की जी 20 की अध्यक्षता वाले वर्ष में ऐसे कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगों  को गति मिल रही है और आने वाले समय में विशेष रूप से स्मार्ट शहरों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , क्वांटम कंप्यूटर, परिवहन, और कई अन्य भविष्यवादी तकनीकों में संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ( एस एंड टी ) प्रयासों   के क्षेत्र में  भारत और स्वीडन के बीच साझेदारी और आगे बढ़ेगी । उन्होंने कहा कि  ” यह एमओसी हमारे युवा वैज्ञानिकों और स्वीडिश शोधकर्ताओं के बीच गतिविधियों के सुचारू आदान-प्रदान को सक्षम बनाएगा  । ”

अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग और विदेश व्यापार मंत्री के राज्य सचिव श्री हाकन जेवरेल ने इस अवसर पर  कहा कि “ यह भारत और स्वीडन के बीच सहयोग का एक नया पड़ाव  है जो  स्वीडन और भारत को अनुसंधान एवं  विकास में सहयोग बढ़ाने का अवसर देता है । यह स्वीडन और भारत में शोधकर्ताओं के बीच बातचीत से जुड़ी अधिक सामान्य परियोजनाओं को भी जन्म दे सकता है जहां वे एक साथ आ सकते हैं और अनुसंधान के नए क्षेत्रों का पता लगा सकते हैं ।

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द स्वीडिश फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन इन रिसर्च एंड हायर एजुकेशन ( एसटीआईएनटी ) के कार्यकारी निदेशक, डॉ. एंड्रियास गोथेनबर्ग ने कहा कि  ” मुझे विश्वास है कि यह संयुक्त पहल स्वीडन और भारत के शोधकर्ताओं के बीच नए शोध संबंधों को प्रेरित करेगी “ । विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड और  के साथ द स्वीडिश फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन इन रिसर्च एंड हायर एजुकेशन ( एसटीआईएनटी )  की  साझेदारी स्वीडन और भारत में विश्वविद्यालयों के बीच अकादमिक सहयोग को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से दोनों देशों में विश्वविद्यालयों के बीच नई सहयोगी परियोजनाओं को शुरू करने के लिए पिछले वर्ष स्टिंट  द्वारा दी गई कॉल के बाद  उठा हुआ एक स्वाभाविक कदम है ।

दोनों संस्थान अपने नियमित वित्त पोषण कार्यक्रमों के माध्यम से शोधकर्ताओं की गतिशीलता को सुगम और वित्तपोषित करेंगे।

इनोवेशन एंड साइंस, ऑफ़िस ऑफ़ साइंस एंड इनोवेशन काउंसलर डॉ. पेर-आर्ने विकस्ट्रॉम, स्वीडन के दूतावास  और डीएसटी, एसईआरबी तथा स्वीडन के अन्य अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया ।

दोनों संगठन एक कॉल की घोषणा करेंगे जो नई गतिशीलता परियोजनाओं के वित्तपोषण पर ध्यान केंद्रित करेगी जिसका उपयोग भाग लेने वाले शोध समूहों के बीच कार्यशालाओं सहित कई व्यक्तियों का आदान- प्रदान करने के लिए किया जाएगा । स्वीडन में उच्च शिक्षा संस्थानों और भारत में अनुसंधान संस्थानों के शोधकर्ता और विद्वान इस कॉल के अंतर्गत ऐसे  वित्त पोषण के लिए आवेदन करने के पात्र हैं, जिसमें आवेदनों को संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाएगा ।

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