New Delhi (IMNB).
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि त्याग और शहादत, संस्कृति और शिक्षा; बंगाल की भूमि के जीवन-आदर्श रहे हैं। बंगाल के लोग सुसंस्कृत और प्रगतिशील होते हैं। बंगाल की भूमि ने एक ओर अमर क्रांतिकारियों को जन्म दिया है, तो दूसरी ओर प्रमुख वैज्ञानिकों को। राजनीति से न्याय प्रणाली तक, विज्ञान से दर्शन तक, आध्यात्मिकता से खेल तक, संस्कृति से व्यवसाय तक, पत्रकारिता से साहित्य, सिनेमा, संगीत, नाटक, चित्रकला और अन्य कला रूपों तक, बंगाल के उल्लेखनीय अग्रदूतों ने विभिन्न क्षेत्रों में नए तरीकों और पद्धतियों की खोज की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने के बाद भी बंगाल के लोग अपनी मूल-स्थान से अपना नाता बनाए रखते हैं और भारत माता की महिमा को बढ़ाना जारी रखते हैं। उन्होंने इस विशेषता के लिए बंगाल के लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों ने हमेशा सामाजिक न्याय, समानता और स्वाभिमान के आदर्शों को प्राथमिकता दी है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कोलकाता में ईस्ट एस्प्लेनेड की एक सड़क का नाम ‘सिदो-कान्हू-दहर’ रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों, खासकर हमारे जनजातीय भाई-बहनों के आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव को को बल मिलता है।
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