रायपुर. प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा हर हाल में सत्ता हासिल करने की जुगात में है जानकारों की माने तो पिछले चुनाव में संघ की नाराजगी के कारण भी भाजपा को अपना जमीनी जनाधार खोना पड़ा था। कई मोर्चों में संघ की फ्रंट इकाई धर्मांतरण, गौ रक्षा और भाजपा के मंत्रियों की मनमानी से नाराज थे।जिसकी परवाह सत्ता में बैठी भाजपा और सगठन ने नही किया और जिसने समर्थन किया वो किनारे लगाए गए। जिस पर सत्ता जाने के बाद लगातार चिंतन मनन होने लगा। इसको लेकर प्रदेश संगठन में हाल ही में बड़े पैमाने पर बदलाव भी किए गए हैं। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी सहारा लिया जा रहा है। पिछले चार सालों में संबंध मधुर करने का प्रयास किया जा रहा है। धर्मांतरण जैसे मुद्दे में कांग्रेस को घेरने संघ भाजपा पुराने अंदाज में देखे जा रहे है। यही वजह है कि पहली बार आरएसएस की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के साथ ही प्रदेश के कई नेताओं को तलब किया गया है। रोहणीपुरम में आज होने वाली बैठक में भाजपा को मिशन 2023 के लिए जीत का मंत्र दिया जाएगा। बैठक में आरएसएस के केंद्रीय सह सरकार्यवाह अरुण कुमार भी उपस्थित रहेंगे। इस बैठक के ठीक बाद भाजपा कोर ग्रुप की बैठक कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में होगी।
प्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव को लेकर प्रदेश भाजपा संगठन में हुए ही बदलाव के बाद लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा आंदोलन प्रधानमंत्री आवास को लेकर किया गया है। इसमें जुटी भीड़ से भले भाजपा उत्साहित है और उसको लग रहा है कि उसके लिए विधानसभा चुनाव में पीएम आवास का मुद्दा जीत का रास्ता निकाल सकता है, लेकिन भाजपा की गतिविधियों से आरएसएस कदापि संतुष्ट नहीं है। इसलिए आरएसएस ने पहली बार भाजपा नेताओं के साथ मिशन 2023 को लेकर मंथन करने का फैसला किया है। रोहणीपुरम में होने वाली बैठक को पूरी तरह से गुप्त रखा गया है। इसके बारे में मीडिया काे कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है।
भाजपा के ये नेता तलब
शनिवार की सुबह से होने वाली बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री और प्रदेश के संगठन प्रभारी शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय के साथ प्रदेश के तीनों महामंत्रियों को भी तलब किया गया है। इन सबके साथ आरएसएस के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी बैठक में मिशन 2023 को लेकर मंथन करेंगे। राष्ट्रीय स्तर के केंद्रीय सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के अलावा आरएसएस के प्रांत संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन, प्रांत प्रचारक प्रेम शंकर सिदा र बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।
बनेगी जीत की रणनीति
बैठक में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की जीत की रणनीति बनाई जाएगी। जीत के लिए क्या हो सकता है, इसको लेकर मंथन होगा। इस बैठक के ठीक बाद भाजपा कोर ग्रुप की कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में बैठक होगी। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के साथ कोर ग्रुप के सारे सदस्य शामिल होंगे। इसमें बताया जाएगा कि आरएसएस की बैठक में मिशन 2023 को लेकर क्या तय किया गया है। जीत की रणनीति को पूरी तरह से गुप्त भी रखने का फैसला किया गया है। यही वजह है कि बैठक में जिनको बुलाया गया है, उनको ही सूचना दी गई है। जिनको सूचना है उनको भी नहीं मालूम है कि बैठक में किन-किन को बुलाया गया है। इसके अलावा 9आरएसएस और भाजपा के किसी भी नेता को इसकी जानकारी नहीं है कि बैठक क्यों बुलाई गई है और उसमें क्या होने वाला है।कुल मिलाकर कांग्रेस का 2023 का चुनाव आसान साबित नहीं होने वाला भारी बहुमत के साथ सरकार में आई कांग्रेस अब पार्टी के अंतर कलह साबित हो रही है।कांग्रेस में आपसी खींचतान गुटबाजी और ढाई ढाई साल के सीएम विवाद के साथ इस बार टिकट कटने और ना मिलने की स्थिति में कांग्रेस असमंजस में नजर आ रही भाजपा जहा उतावली है वही कांग्रेस चिंतित है। उसके बावजूद भाजपा कई कारणों से कमजोर भी दिख रही है। जानकारों की माने तो लोग अभी भीं कांग्रेस को 50 सीट में मजबूत मान रही है। जो सरकार बनाने के लिए 90 सीट में बहुमत के रूप में काफी माना जा रहा है। भाजपा पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में 35 से 40 सीट पर ही मजबूत दिख रही है।
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