जनवरी 2020 में राजधानी रायपुर के सिलतरा इलाके से हुए उद्योगपति प्रवीण सोमानी के अपहरण में शामिल छह आरोपितों अनिल चौधरी, मुन्ना नाहक उर्फ कालिया, शिशिर स्वाइन, प्रदीप भुइंया, तूफान गौर और आफताब अंसारी को द्वादस अपर सत्र न्यायाधीश लीलाधर साय यादव ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने इस अपहरण कांड को गंभीर अपराध की श्रेणी का मानते हुए धारा 364 ए, 120 बी, 201 के तहत दोषसिद्व करारे देते हुए यह सजा सुनाई। कुल 14 गवाहों की कोर्ट में गवाही हुई। इस केस के दो आरोपित अभी भी फरार है।
इस अपहरण कांड में चंदन सोनार गैंग का नाम सामने आया था। यह गिरोह मूलतः बिहार से है, और देश के कई बड़े व्यापारियों के अपहरण कांड में इनकी भूमिका भी रही है। उद्योगपति के अपहरण की घटना के बाद से ही 2020 में डीजीपी रहे डीएम अवस्थी के निर्देश पर रायपुर के तत्कालीन एसएसपी आरिफ शेख के नेतृत्व में 60 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की एक विशेष टीम तैयार की गयी थी।
घटना के बाद से ही पुलिस की टीम कारोबारी की तलाश करते हुये उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात सहित पांच राज्यों में छापेमारी की थी। इस छापेमारी से घबराकर अपहरणकर्ताओं ने उद्योगपति प्रवीण सोमानी को उत्तरप्रदेश के फैजाबाद जिले के सूनसान इलाके के एक घर में छोड़ दिया था और वहां से फरार हो गए थे। जहां से पुलिस टीम प्रवीण सोमानी को सकुशल बरामद कर रायपुर लेकर आई थी।
बाद में पुलिस ने इस मामले में गिरोह के सदस्य अनिल चौधरी, मुन्ना कालिया, प्रदीप बाबू सहित 12 आरोपितों को उत्तरप्रदेश, बिहार और ओडिशा से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपितों ने अपहरणकांड का मुख्य सरगना पप्पू चौधरी को होना बताया था। पप्पू चौधरी हीरा व्यापारी के अपहरण मामले में गुजरात की जेल में बंद है।
अपहरण की घटना में शामिल अपहरण के मास्टर माइंड पप्पू चौधरी, अंकित समेत अन्य अब तक रायपुर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके है। पुलिस ने उद्योगपति सोमानी के अपहरण के आरोप में जिन बदमाशों को गिरफ्तार किया है, वे सभी देश के अलग-अलग राज्यों में कई कारोबारी, उद्योपतियों के अपहरण कर चुके हैं।
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