कंप्यूटर के कीबोर्ड पर दौड़तीं हैं बैगा जनजाति के बच्चों की उंगलियां

Estimated read time 1 min read

विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए केंद्रीय मद से गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में विशेष संरक्षित जनजाति बैगा स्कूल आवासीय व्यवस्था के साथ शुरू किया गया है। तीन साल पहले शुरू हुए स्कूल में सरकार द्वारा किया गया यह प्रयास रंग लाने लगा है। जिन बैगा आदिवासियों के माता-पिता शिक्षा से पूरी तरह अनजान थे, उनके बच्चे कंप्यूटर में इस तरह हाथ चला रहे हैं जैसे महानगर का कोई बड़ा प्राइवेट स्कूल हो।

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पहाड़ों में ऊंचाइयों पर रहने वाले बैगा आदिवासी समाज के बच्चों के विकास के लिए सरकार काफी योजनाएं चला रही है। हालांकि, उन योजनाओं का फायदा ज्यादा कम ही देखने को मिलता है पर केंद्रीय मद से संचालित विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा विद्यालय में पिछले तीन वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे पहली से तीसरी और पांचवी से आठवीं तक के बच्चों को विद्यालय में दी जा रही विशेष शिक्षा का असर देखने को मिल रहा है। सामान्य शिक्षा के अलावा इन बच्चों को कक्षा पहली से कंप्यूटर की जानकारी भी दी जा रही है।

उसका नतीजा यह है कि जिन बैगा परिवारों ने कभी कंप्यूटर देखा नहीं था, आज उनके बच्चे कंप्यूटर के अलग-अलग सॉफ्टवेयर में महारत हासिल कर रहे हैं। एमएस वर्ड, पेंट, पावर पॉइंट जैसे सॉफ्टवेयर की जानकारी, जिसके लिए विशेष शिक्षा या कंप्यूटर पाठ्यक्रम पढ़ने की आवश्यकता होती है। इन बच्चों को सामान्य रूप से स्कूल में ही यह जानकारी दी जा रही है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours