श्रद्धा या अंधविश्वास? 55 साल के बुजुर्ग ने देवता को दी खुद की बलि

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धरसींवा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. धरसींवा के निनवा गांव में एक श्रद्धालु ने देवता के सामने ही अपनी गर्दन काटकर बलि दे दी. घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है. मामले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है. बताया जा रहा है कि व्यक्ति ने कैंची से अपने गर्दन को काटा है.मिली जानकारी के अनुसार, धरसींवा के निनवा गांव निवासी 55 वर्षीय भुनेश्वर यादव ने अपने घर के अंदर स्थित देवस्थान के सामने कैंची से अपनी गर्दन काटकर आत्महत्या कर ली. घटना के बाद देवस्थान वाला कमरा खून से लथपथ हो गया. यह घटना आज सुबह लगभग 11:00 की बताई जा रही है. घटना कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है.इस मामले में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश मिश्र ने कहा कि कोई भी देवी देवता प्राण की बलि नहीं मांगता है. अगर ईश्वर को आप अपना मानते हैं, तो कोई भी नहीं कहेगा की उसके लिए आप अपनी जान दे दें. ये एक प्रकार का अंधविश्वास है जिससे लोगों को बचना चहिए. इससे पहले भी कई बार ऐसे बातें सामने आई है कि लोग अपनी जीभ, उंगली काट लेते हैं ये सब अंधविश्वास है और इससे लोगों का ही नुकसान है.

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