Category: लेख-आलेख
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम ‘सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल’ रमन की हो या हो भूपेश सरकार बेईमान, भ्रष्टाचारियों के आगे सभी हैं लाचार
‘‘एक भरे-पूरे परिवार में दादा होता है, बाप होता है, मां होती है और बच्चे होते हैं। आम तौर पर बच्चे बुरी चीजों की तरफ [more…]
बुलडोजर बड़ा या एन्काउंटर? (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
योगी जी ने छ: साल में यूपी को सचमुच पहले उत्तम और अब उत्सव प्रदेश बना दिया है। अगर थोड़ी-बहुत कसर रह भी गयी हो [more…]
यूपीआई लेनदेन पर शुल्क का ब्रेन गेम (लेख डॉक्टर सत्यवान सौरभ)
यह सलाह दी जाती है कि “मदर थेरेसा” न बनें और अपने बैंक के साथ-साथ अपने यूपीआई भुगतान प्रणाली का बुद्धिमानी से उपयोग करें। हमेशा [more…]
कृषि रोबोट: किसानों का किफायती दोस्त (लेख प्रियंका सौरभ)
कृषि क्षेत्र में भारत में किसान घट रहे हैं। कुछ सामान्य वाक्यों को दोहराकर खेती के पेशे को छोड़ रहे हैं कि यह अब [more…]
बाबा साहेब की प्रासंगिकता (आलेख : संजय पराते)
डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर भारतीय समाज के दलित-शोषित-उत्पीड़ित तबकों के विलक्षण प्रतिनिधि थे, जिन्होंने हिन्दू धर्म में जन्म तो लिया, लेकिन एक हिन्दू के रूप [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम ‘सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल’ काश छत्तीसगढ़ को भी योगी जैसा मुखिया मिलता
जो दोगे वो पाओगे जो बोओेगे वो काटोगे एक कहानी एक बार एक चोर चोरी करने गया तो मालिक जाग गया तो उसने मालिक को [more…]
बाबा साहेब को पूजिये मत ; पढ़िये, समझिए और अमल कीजिये (आलेख : बादल सरोज)
🔴 सिर्फ संविधान निर्माता नहीं थे डॉ. अम्बेडकर : डॉ अम्बेडकर संविधान निर्माता माने जाते हैं। निस्संदेह वे ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे और विराट [more…]
इतिहास पर सांप्रदायिक बुलडोजर (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
निजी टीवी चैनलों के विस्फोट से पहले के दौर का भारतीय टेलीविजन जिसे भी याद होगा, उसे ‘‘टीपू सुल्तान’’ (वास्तव में टीपू सुल्तान की तलवार) [more…]
विद्यावाचस्पति (पीएच.डी.) से अलंकृत हुए डॉ सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ
_(‘विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ’ ने हरियाणा के भिवानी जिले के युवा दम्पति को विधावाचस्पति उपाधि से किया सम्मानित, क्षेत्र वासियों में खुशी की लहर)_ *हिसार/भिवानी/भागलपुर:* [more…]
शोषित पीड़ित दबे-कुचले वर्गों के मसीहा बाबा अंबेडकर(लेख प्रियंका सौरभ)
*दबे-कुचले वर्गों के मसीहा अंबेडकर ( अम्बेडकर जी ने कांग्रेस के पूर्ण स्वतंत्रता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने दलितों के उत्थान हेतु उच्च वर्गीय [more…]