Category: लेख-आलेख
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल मार भी खाएंगे अपमान भी कराएंगे आॅटोवाले को अगर नियम सिखाएंगे
दिल रो पड़ेगा आपका कांकेर में एक आॅटो के एक्सीडेन्ट का सुनकर। जिसमें 7 छोटे स्कूली बच्चे काल के गाल में समा गये। वे बेचारे [more…]
काऊ हग बिन वैलेंटाइन सूना! (वैलेंटाइन डे पर विशेष व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
अब क्या कहेंगे मोदी जी के विरोधी? मोदी जी किसी और की तो सुनते ही नहीं है, बस अपने मन की सुनाते हैं और या [more…]
छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय पर हमला : एक संघी एजेंडा, जिसका आदिवासी संस्कृति की रक्षा से कोई लेना-देना नहीं है (आलेख : बृंदा करात)
बड़ी भूरी आंखों वाली वह महिला कमजोर-सी लग रही है। अपनी बाहों पर चोटों को छुपाने के लिए उसने एक शॉल लपेट रखा है। उसकी [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल देशभक्त मोदी पर देश लगातार रीझ रहा है रागा की बनावटी बातों से जनमानस खीझ रहा है
संसद में मोदी ने जो हुंकार लगाई तो विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया… अंदर से….; और भाजपा के अन्य नेताआंे ने जो दलीलें दीं [more…]
भागवत कथा में “हलुआ मिला न मांड़े – दोऊ दीन से गए पांड़े” (आलेख : बादल सरोज)
फिलहाल तो मोहन भागवत अपनी ही भागवत कथा में फँस गये लगते हैं। मुम्बई में संत रविदास की जयन्ती पर दिये अपने भाषण में उन्होंने [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम ,,सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल ,,,अनायास उनको पुराने यार भाने लगे हैं देख सामने चुनाव उनके बधाई संदेश आने लगे हैं अनदेखा कर देते थे जिन्हें रूसवाई से उन्हें जिगर का टुकड़ा बताने लगे हैं
{अपनों से अपमान, गैरों ने बढ़ाई गरिमा – हमारे देश में व्यक्तिगत घृणित स्वार्थ के लिये अपने ही धर्मग्रन्थों को अपमानित करने का फैशन चल [more…]
अडानी भी इंडिया नहीं, तो फिर कौन? (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
भक्त गलत नहीं कहते हैं कि मोदी जी के विरोधी तो होते ही एंटी-नेशनल हैं। बताइए! अपने अडानी जी पर भारी मुसीबत आन पड़ी है, [more…]
देखाअड़ानी इज इंडिया! (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
देखा‚ मोदी जी के विरोधियों की एंटीनेशनलता आखिर खुले में आ ही गई। बताइए! अब इन्हें यह मानने में भी आपत्ति है कि अडानी की [more…]
कैसे मजबूत होगा आमजन? (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब सरकार में शीर्ष स्तर से ‘मुफ्त की रबड़ी बनाम उत्पादक खर्च’ की बहस छेड़ी थी‚ तभी अनेक टिप्पणीकारों ने इस [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम… जीवन की गाड़ी के लिये भी कंट्रोलर चाहिये
{कवि की कल्प्ना – एक कवि ने कहा कि हमारे यहां जब संसद पर आक्रमण हुआ था तो आतंकवादियों से लड़ते हुए सिपाहियों ने ये [more…]