Category: लेख-आलेख
जोशीमठ की त्रासदी (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
उत्तराखंड में जोशीमठ की त्रासदी ने कम से कम फिलहाल‚ पूरे देश को अपनी ओर देखने के लिए मजबूर कर दिया है। और यह तब [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल बेलिहाजी, बेमुरव्वत, बेकाबू है, सरकारी ऑफिस का बाशिंदा, कहलाता वो बाबू
जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक mo. 9522170700 वन्देमातरम् {‘जानना जरूरी है…’ कि कार की अगली सीटों में जो सर का आराम देने के [more…]
भाजपा फिर राम मंदिर शरणम्! (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
इसके कारणों पर और इसलिए, निहितार्थों तथा संकेतों पर तो बहस हो सकती है, लेकिन यह तथ्य निर्विवाद है कि मोदी-शाह-भागवत की भाजपा, विकास वगैरह [more…]
न धर्मांध कट्टरपंथी सिर्फ काबुल में हैं, न उनके खिलाफ खड़ी मारवा अकेली हैं! (आलेख : बादल सरोज)
गुजरे बरस के आख़िरी दिनों का सबसे शानदार फोटो अफ़ग़ानिस्तान की एक 18 साल की युवती मारवा का है। मक्का की एक पवित्र मानी जाने [more…]
वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक,, रुकता नही तमाशा, रहता है खेल जारी । उस पे ये कमाल , दिखता नही मदारी ।।
बात बेबाक कुर्सीनामा भाग – 4 चंद्र शेखर शर्मा (पत्रकार)9425522015 रुकता नही तमाशा, रहता है खेल जारी । उस पे ये कमाल , दिखता नही [more…]
देवी बुलडोजर सवार, तेरा न्याय अपार (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
एक बात माननी पड़ेगी। 2022 में ही नहीं, 2014 के बाद से हर साल, मोदी जी ने एक वादा सौ टका पूरा किया है — [more…]
मीलॉर्ड! नोटबंदी कानूनी हो सकती है, पर सही नहीं! (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
चाहे तो मोदी सरकार इसे अपने लिए सुप्रीम कोर्ट का नव वर्ष का उपहार मान सकती है। 2016 के 8 नवंबर को नरेंद्र मोदी ने, [more…]
वरिष्ठ पत्रकार, जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ती की टेढ़ी चाल कांग्रेस का भीड़ जुटाकर लाना नहीं समर्थन का ताना-बाना
जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक उव 9522170700 वन्देमातरम् आरक्षण पर आक्रोशित कांग्रेस बुरी तरह तिलमिला रही है। या कहें कि तिलमिलाने का दिखावा [more…]
भाजपा सरकार के कार्यकाल से कांग्रेस की भूपेश सरकार में ज्यादा हमले ,एक तीर से दो शिकार धर्म को मुद्दा बनाकर वोट की राजनीति कर रही कांग्रेस! लेख नितिन लारेंस
धर्मांतरण एक ऐसा मुद्दा जो तब जीवित होता है जब चुनाव नजदीक हो या फिर जब सत्ताधारी पार्टी को अपना स्वार्थ भुनाना हो। इन [more…]
विदा, 2022 के बेशर्म रंग! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
शुक्र मनाएं, 2022 खत्म हो रहा है। उसके साथ ही बेशर्म रंग पर मचा हुड़दंग भी खत्म हो रहा है। क्या हुआ कि जोशी जी [more…]