Category: लेख-आलेख
पंडित दीनदयाल से मोदी तक : एकात्म मानववाद से एकमात्र महामानव-वाद की गत को प्राप्त 43 की भाजपा (आलेख : बादल सरोज)
कहते हैं कि कई बार विशद विवरणों से ज्यादा सटीकता के साथ कुछ दृश्य असलियत बयाँ कर जाते हैं। 6 अप्रैल को हुआ भारतीय जनता [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम, सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल, भूपेश को योगी स्टाईल में करना था काम प्रदेश में कुछ और होता चार साल का परिणाम
बड़ी ही जद्दोजेहद मची है। सत्ता में जमे रहने के लिये और फिर से कुर्सी पाने के लिये छत्तीसगढ़ में दोनों दल ताल ठोककर आमने-सामने [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम, सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल, सर्वे में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीत रही है चुनावी रेस
एक सर्वे के अनुसार इस बार यानि 2023 में कांगे्रस को बहुमत मिलेगा। जिसमें केवल एक प्रतिशत मत अधिक पाकर कांग्रेस 47 से 52 सीट [more…]
अब…हिस्ट्री नहीं पढ़ाएंगे! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
ये लो कर लो बात। अब विरोधियों को मोदी जी के इतिहास की किताबों में काट-पीट करवाने से भी प्राब्लम है। हर चैप्टर के फटने [more…]
नये भारत का स्वच्छ इतिहास! (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
मोदी जी गलत नहीं कहते हैं। वह कुछ भी करें, उनको विरोधियों से हमेशा विरोध ही मिलेगा। हां! हेमंत बिश्वशर्मा की तरह, विरोधी खुद ही [more…]
ये लम्हा फ़िक्र का लम्हा है हर बशर के लिए (आलेख : बादल सरोज)
🔵 कथित मानहानि के मामले में गुजरात की अदालत द्वारा दिए गए असाधारण असामान्य फैसले में राहुल गांधी को मानहानि का दोषी पाए जाने और [more…]
रामनवमी पर फसाद की टूल किट और उसके वायरस (आलेख : बादल सरोज)
🔵 खुश होना सहज इंसानी गुण है, प्रसन्नता मानवीय स्वभाव है ; बल्कि सही कहा जाए, तो उसकी जरूरत भी है, पहचान भी है। वर्ग [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम “टेक इट ईज़ी” भाता नहीं कांग्रेस का फुसलाना बहकाकर जीतने का गया जमाना
‘चांद दिखाकर बच्चे को बहलाया जा सकता है। पर बच्चे को दिखाकर चांद को नहीं… किसी साउथ की फिल्म में ये बेहद खूबसूरत डायलाॅग सुनने [more…]
हनुमान जी – साहस, शौर्य और समर्पण के प्रतीक लेख -प्रियंका सौरभ
हनुमान जी – साहस, शौर्य और समर्पण के प्रतीक हनुमान, जिन्होंने सीता देवी को दिखाने के लिए अपना हृदय खोल दिया कि भगवान राम और [more…]
वन संरक्षण कानून में संशोधन विधेयक: उदारीकरण और केंद्रीकरण की दिशा में आदिवासियों पर एक और हमला (आलेख : बृंदा करात, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)
भले ही सत्तारूढ़ पार्टी ने संसद में विपक्षी दलों के किसी भी हस्तक्षेप को रोका हो, लेकिन उसने बिना चर्चा के सरकारी कामकाज को आगे [more…]