Category: लेख-आलेख
कैमरों के सामने अर्ध लामबंद नहीं, जनता के सामने पूर्ण लामबंद होना ही होगा (आलेख : बादल सरोज)
21 मार्च को 16 राजनीतिक दलों की साझी प्रेस कांफ्रेंस में जो बोला और कहा गया, उससे कहीं ज्यादा इस पत्रकार वार्ता की तस्वीरों ने [more…]
अब स्वच्छ संसद (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
विपक्ष वाले भी गजब करते हैं। राहुल गांधी को जरा-सा संसद से बाहर क्या कर दिया गया, लगे और जोर-जोर से डैमोक्रेसी का मर्सिया पढऩे। [more…]
लड़किया लीडर बनेगी तभी उनकी दुनिया बदलेगी लेख -प्रियंका सौरभ
लड़कियों में नेतृत्व के गुणों का निर्माण करने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक है लड़कियों को नेतृत्व की भूमिकाओं में रखना। जब [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम टेक इट ईज़ी, बस आज के दिन के लिये ही राहुल ने राहुल गांधी को मार दिया था
बेहद चतुर और दूरदर्शी राजनेता हैं राहुल गांधी… । उन्हे पता था कि एक न एक दिन ये होगा। ऐसा होगा। और कांग्रेस पार्टी अनाथ [more…]
जीवन की खुशहाली और अखंड सुहाग का पर्व ‘गणगौर'(लेख प्रियंका सौरभ)
गणगौर एक ऐसा त्यौहार है, जो जन मानस की भावनाओं से जुड़ा है। ग्राम्य जीवन की वास्तविकताओं के दर्शन है इसमें। देवी देवताओं और धार्मिक [more…]
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम टेक इट ईज़ी केजरीवाल,राहुल,तेजस्वी,ममता सबके सुर एक हैं साख फिर भी मोदी की बढ़ी,क्योंकि नीयत नेक है
। { सच के करीब का चुटकुला:- ‘राहुल बेटे क्या अपनी पार्टी के बारे में कुछ सोचा है’ मम्मी अभी अभी तो [more…]
(क्रांति की तलवार विचारों की शान पर तेज होती है) हर देशवासी के दिल में है ‘शहीदों के राजकुमार’ भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव
प्रियंका सौरभ भगत सिंह ने अदालत में कहा था, “क्रांति जरूरी नहीं कि खूनी संघर्ष शामिल हो, न ही इसमें व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए कोई [more…]
चुनावी निरंकुश तंत्र बनाम आलोचना की स्वतंत्रता (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
बजट सत्र के उत्तरार्द्ध के आरंभ से सत्ताधारी पार्टी ने पहले पूरे हफ्ते जो किया है और दूसरे हफ्ते में भी जिसे जारी रखने पर [more…]
(22 मार्च जल दिवस विशेष) *अब हमारी आदत ही पानी बचा सकती है।*
(22 मार्च जल दिवस विशेष) *अब हमारी आदत ही पानी बचा सकती है।* हर घर, नल से जल योजना 2019 में लॉन्च की गई। जल [more…]
क्या सच क्या झूठ? (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
भाई ये तो हद्द है। राहुल गांधी के यह कहने का क्या मतलब है कि मैं सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगूंगा। अब इसमें [more…]