Category: लेख-आलेख
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ती की टेढ़ी चाल… राहुल नहीं ये आंधी है, पवन खेड़ा का महात्मा गांधी है
{जोर का झटका धीरे से…. बोलने के ढंग से बात का अर्थ, बात का वनज और बात का भाव बदल जाता है। जैसे रूको, मत [more…]
भारतीय राजनीति का बाबा काल (आलेख : राजेन्द्र शर्मा)
यह कहने में शायद ज्यादा अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारतीय राजनीति में बाबा युग आ पहुंचा है। एक दिन खबरों में गुरमीत राम रहीम की [more…]
सच हुआ मुहावरा : मिल गए अडानी के रंगा-बिल्ला (आलेख : बादल सरोज)
इतिहास में तानाशाहियों को उनकी क्रूरताओं, बर्बरताओं, निर्ममताओं, पाश्विकताओं, जघन्यताओं वगैरा-वगैरा के लिए याद किया जाता है, और ठीक ही याद किया जाता है। तानाशाहियां [more…]
क्या ‘का बा, का बा’? यूपी में ‘बाबा’! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
कोई हमें बताएगा कि इन नेहा सिंह राठौड़ टाइप के लोगों की प्राब्लम क्या है? कल तक तो खुद ही हर किसी से यूपी में [more…]
टेक इट ईज़ी सोनिया, राहुल, प्रियंका, पवन और खड़गे, सब्बो मन के पैर एक साथ हमर माटी पे पड़गे
सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल ,,,,, खास दोस्त झण्डू और बण्डू घूमते हुए राजनैतिक चर्चा न करें और ब्लड प्रेशर न बढ़ाएं ऐसा हो ही [more…]
महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं विश्व बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ एस अनुकृति
महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं विश्व बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ एस अनुकृति अपनी शिक्षा के दौरान भारत सरकार का नेशनल अवार्ड, अमेरिका की [more…]
हंसे तो फंसे! (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
मोदी जी का दु:ख गलत नहीं है। पौने नौ साल हो गए बेचारों को इंतजार करते कि कोई आलोचक आए, कोई आलोचक मिले, पर कोई [more…]
सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल ,,,,,0 जो जवाब शबाना आज़मी का था वही एकनाथ शिंदे का भी रहा, जो हाल कुलभूषण खरबंदा का हुआ था वही उद्धव ठाकरे का हुआ (लेख जवाहर नागदेव)
लेख जवाहर नागदेव बात दया दिखाने की नहीं है लेकिन हम लोग हैं ही ऐसे। कोई कितना भी गलत चला हो, [more…]
वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक कुर्सी नामा भाग – 5
कुर्सी नामा भाग – 5 ऐ राजनीति तू सबको “नचा” पर डीजे अच्छे से तो बजा । 15 साल बेमिसाल का राग आलापते आलापते 18 [more…]
छापा तो छापा! (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
भाई हम तो मोदी जी के विज्ञान के प्रेम के कायल हो गए। मोदी जी का एकदम शुरू से ही साफ है। उनके राज में [more…]