बेमेतरा 18 नवम्बर 2022-फसल अवशेष को जलाने से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण के खतरे के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (कोर्ट) द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए है। जिसके अनुसार फसल अवशेष को खेत में जलाने पर दंड का प्रावधान किया गया है। कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने किसानों से अपील किए हैं कि वे अपने खेत में फसल के अवशेष न जलाएं। फसल अवशेष जलाने से मृदा का तापमान बढ़ जाता है, जिससे मृदा की संरचना बिगड़ जाती है। जीवाश्म पदार्थ की मात्रा कम हो जाने से मृदा की उत्पादकता कम होने का खतरा होता है। फसल अवशेष जलाने से उस पर आश्रित मित्र कीट मर जाते है। जिससे मित्र कीट और शत्रु कीट का अनुपात बिगड़ जाता है, फलस्वरूप पौधों को कीट प्रकोप से बचाने के लिए मजबूरन महंगे तथा जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसका दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर देखा जा रहा है। फसल अवशेष को एकत्र कर पशुचारे के रूप में उपयोग हेतु विक्रय भी किया जा सकता है। जिलाधीश ने किसानों से गौठान मे गौमाता के आहार के लिए पैरा दान करने का आव्हान किये हैं। इसके अलावा फसल अवशेष का उपयोग नाडेप, वर्मी खाद जैसी कार्बनिक खाद बनाने में भी किया जा सकता है। कलेक्टर श्री शुक्ला ने जिले के किसानों से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करने की अपील किये है। फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिये उपयोगी कृषि यंत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा एवं कृषि विभाग बेमेतरा से सम्पर्क किया जा सकता है।
फसल अवशेष को खेत में नहीं जलाएं किसान गौठानों में पैरा दान करने की आव्हान
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