बीजापुर। कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा के द्वारा जिले में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मध्य 16 दिवस की अवधि को विस्तृत अभियान चलाये जाने हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया गया। विभाग द्वारा जिले में मानव तस्करी रोकने महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षा देने के लिए जिले के ग्राम पंचायतों के स्व सहायता समूह, कार्यकर्ता, स्वयं सेवकों को अनैतिक व्यापार मानव तस्करी को रोकने हेतु संवेदीकरण किया जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य मे शासकीय महाविद्यालय बीजापुर में बालिकाओं को महिलाओं/बालिकाओं के संरक्षण संबंधित विधिक प्रावधनों पर उन्मुखीकरण बच्चों को लैंगिक हिंसा, बाल शोषण,, बाल श्रम, बाल विवाह बच्चों के अनैतिक व्यापार, महिलाओं के विरुद्ध होने वाले घरेलू हिंसा, दहेज प्रतिषेध अधिनियम पर महिला/बालिकाओं को कानूनी जानकारी दिया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में पुलिस विभाग के एसजीपीयू नोड़ल श्री विनीत साहू, महिला संरक्षण अधिकारी, श्रीमति शीला भारद्वाज, सखी वन स्टाप सेंटर से कर्मचारियों एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के परामर्शदाता कु0 नगीना लेखाम द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, बालक कल्याण समिति, दत्तक ग्रहण विनियमन पर जानकारी देते हुए बताया गया कि देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे, बाल श्रमिक, बाल भिक्षावृत्ति, अपशिष्ट संग्रहण में लिप्त बच्चों को समाज के मुख्य धारा में जोडने, बाल विवाह रोकथाम के दुष्परिणाम की जानकारी, चाईल्ड हेल्प लाईन नंम्बर 1098 एवं महिला हेल्प लाईन नंम्बर 181 की जानकारी दिया गया। बच्चों के अनैतिक व्यापार अधिनियम, ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित पलायन पंजी, ग्राम पंचायत स्तर पर शाला त्यागी बालक बालिकाओं को स्कूल से जोडे जाने पर एवं गोद लेने की वैधानिक प्रक्रिया, दत्तक ग्रहण नियम 2017, बाल श्रम अधिनियम पर चर्चा कर जानकारी दिया गया। महिलाओं के विरूद्ध हो रहे हिंसा के रोकथाम हेतु कानूनी जानकारी दी गई एवं कानूनी रूप से महिलाओं को प्राप्त अधिकारों की जानकारी देते हुए हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं को सखी वन स्टॉप सेंटर बीजापुर में तत्काल 24 घंटे सेवा एवं अल्पकालीन रुकने की सुविधा के बारे में जानकारी दी गई और अधिक से अधिक महिलाओं तक प्रचार-प्रसार करने की जानकारी दी गई ताकि पीडि़त महिलाओं को सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
महिलाओं के विरूद्ध हिंसा समाप्त करने बालिकाओं एवं महिलाओं को किया गया जागरूक
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