उदित होते भुवन भास्कर भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देकर दीपदान कर मानाया हिन्दू नववर्ष

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कांकेर। हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2080 चैत्र प्रतिपदा, नवरात्र के प्रथम दिन संस्कार भारती कांकेर इकाई के सदस्यों व हिन्दू धर्मावलंबियों ने ठाकुर विश्राम सिंह गार्डन के पास डंडिया तालाब में सबसे पहले संस्कार भारती का धेय्य गीत साधयती संस्कार भारती का गायन किया पश्चात उदित होते भुवन भास्कर भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देकर दीपदान किया। सूर्यार्ध कार्यक्रम में आये सभी भाई बहनों ने एक दूसरे के ललाट पर तिलक कर प्रसाद का वितरण किया गया, कार्यक्रम के अंत मे वंदेमातरम गीत का गायन किया गया। सूर्यार्ध कार्यक्रम में संस्कार भारती कांकेर इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्रा, महामंत्री अवधेश लारिया, उपाध्यक्ष सुरेशचंद्र श्रीवास्तव, कोषप्रमुख रामशरण जैन, सहकोषप्रमुख भावना हड़प, संरक्षक जोगेंद सिंह परिहार, अशोक राठी, प्रद्युमन सिंह ठाकुर, जितेंद्र शर्मा, मातृशक्ति प्रमुख मंजू शर्मा, निर्मल माहेश्वरी, शैलजा सिंहदेव, शशि चौहान, शीला जैन, लक्ष्मी जैन, उषा ठाकुर, खेमिन साहू, इंदु विश्वकर्मा, सरस्वती जैन, प्यारी साहू, पदमिनी साहू, डॉ.तोरण दसपुर सहित बड़ी संख्या में सनातनी हिन्दू भाई बहने उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि संस्कार भारती वर्षप्रतिपदा हिन्दू नववर्ष के दिन विगत 30 वर्षों से नियमित अर्ध्य कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है। हम जो एक जनवरी को नववर्ष मनाते है वह असल मे अंग्रेजी नववर्ष है जिसे कैलेंडर नववर्ष भी कह सकते हैं। लेकिन सनातनियों का हिन्दू नववर्ष तो चैत्र प्रतिपदा विक्रम संवत से ही आरम्भ होता है जिसे हिन्दुओ ने अंग्रेजो की गुलामी के चलते विस्मृत सा कर दिया है अंग्रेजी ईसवी सन 2023 है परंतु विक्रम संवत 2080 है याने ईसवी सन से हमारा हिन्दू नववर्ष 57 वर्ष आगे है। संस्कार भारती निरंतर रंगमंच, कला के लिये समर्पित एक अखिल भारतीय संस्था है जो हिन्दू धर्म जागरण के क्षेत्र में अपनी सहभागिता निभाते आ रही है। संस्कार भारती कांकेर इकाई सम्पूर्ण सनातनी हिन्दुओ से आह्वान करती है कि वे अपना नववर्ष चैत्र प्रतिपदा को ही मनाये और अपने भारतीय परंपरा, संस्कृति गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने में योगदान दे, कांकेर क्षेत्र के सभी हिन्दू धर्मावलंबियों को विक्रम संवत 2080 नववर्ष की अशेष शुभकामना प्रेषित करती है।

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