नक्सलियों ने महेश गोटा को रात करीब 11 बजे फरसेगढ़-कुटरू मार्ग पर अधमरा फेंक दिया था। जानकारी परिजनों को मिली तो कुछ ही देर में वे मौके पर पहुंचे। फिर एंबुलेंस 108 की मदद से घायल को बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया। जहां उनकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है।
फरसेगढ़, कुटरू, गुदमा सहित कई गांवों के करीब 200 से 250 ग्रामीण रविवार की सुबह पूजा करने के लिए दामाराम गांव में स्थित कुपरेल की पहाड़ी गए थे। इसी दौरान 50 से ज्यादा ग्रामीणों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया और अपने साथ ले गए थे। जिसमें पूर्व सरपंच महेश गोटा भी शामिल था। नक्सलियों ने पूछताछ के बाद 49 ग्रामीणों को उसी दिन देर शाम को छोड़ दिया था। महेश गोटा को बंधक बनाकर रखा था।
पुलिस को ग्रामीणों ने बताया कि सादे कपड़ों में आए दो नक्सलियों ने फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच महेश गोटा का अपहरण कर लिया था। आदिवासी परंपरा के अनुसार चिकटराज पहाड़ी पर पूजा अनुष्ठान में सम्मिलित होने कई गांव के लोग पहुंचे थे। महेश भी उपसरपंच पाण्डु गोटा, शिक्षक राजाराम जव्वा, पूर्व उपसरपंच रमेश पोंदी, कार्तिक शाह व लोकेश कुमार बारसे के साथ पूजा में सम्मिलित होने गए थे। उनके साथ गए लोगों के अनुसार, महेश अकेले ही पहाड़ी के ऊपर गए थे। महेश के पिता चिन्नाराम गोटा सलवा जुड़ूम आंदोलन के अग्रणी नेता थे। नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी थी।
नक्सलियों ने महेश के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया। रस्सी से गला घोटने का प्रयास किया। मारपीट से अंदरूनी चोट आई है। सिर और गर्दन के बीच में लगी चोट गंभीर है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो रही है। बताया जा रहा है कि सोमनपल्ली के पास नक्सली जब महेश को मारने का प्रयास कर रहे थे, तब पास के गांव के लोगों के आने से हड़बड़ी में उसको छोड़कर भाग निकले। घटनास्थल पर पर्चा भी फेंका है।
+ There are no comments
Add yours