राखी के मौके पर सरोज पांडे ने CM भूपेश को राखी और मिठाई भेजी लेकिन साथ ही एक पत्र के साथ, जिसमें शिकायत, नसीहत, तंज और सवाल हैं। वैसे ये सिलसिला नया नहीं है, बीते 4 साल में ऐसा कई बार पहले भी हो चुका है।
सरोज पांडे ने लिखा- आपकी मुझपर टिप्पणी, आपत्तिजनक है…क्या ऐसा उपहास नारी और बहनों का अपमान नहीं?’ ‘क्या cm इस बर्ताव के लिए मुझसे माफी मांगेंगे?’ वार सीधे मुख्यमंत्री पर था तो जवाब भी सीधे CM भूपेश बघेल की ओर से आया, भूपेश ने कहा कि अपमान तो सरोज पांडे ने किया, उन्होंने नव नियुक्त PCC अध्यक्ष दीपक बैज को बच्चा कहा। ऐसा कहकर उन्होनें आदिवासी अध्यक्ष का मजाक उड़ाया। ‘मैंने तो बस कहा था सरोज पांडे की शादी नहीं हुई है इसमें अपमान जैसी बात कहां है?
दरअसल, इस विवाद की शुरूआत हुई 2 दिन पहले जब सार्वजनिक तौर पर सरोज ने एक सवाल पर कहा कि “सैलजा जी के सामने जो जूतम पैजार हुआ, एक दूसरे से मारपीट की उस पर दीपक जी क्या कहेंगे। हमारी बात छोड़ें पहले अपना ही ठीक कर लें। मोहन मरकाम को बाहर करके खुद बैठे हैं। उनको बोलने का भी आधार नहीं, दीपक जी अभी बच्चे हैं पहले सीखें।” इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुटकी लेते जवाब दिया था कि, दीपक बैज तो शादीशुदा हैं, उनके बच्चे भी हैं। सरोज पांडेय की तो अभी शादी भी नहीं हुई।
वैसे सरोज पांडे वर्सेज भूपेश के बयान और खास कर तीज-त्योहार के मौके पर ये वार-पलटवार नया हीं है। इससे पहले इसी साल 7 JUNE को सरोज पांडेय ने रायगढ़ में भूपेश सरकार के 3 दिवसीय रामायण महोत्सव पर निशाना साधते हुए कहा था- कांग्रेस पूरी तरह से वोट की राजनीति कर रही है, जो भगवान श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते रहे, श्रीराम को नकारते रहे, वो अब श्री राम जी का महोत्सव करवा रहे हैं। चुनाव नजदीक हैं तो कांग्रेस को श्री राम की याद आ रही है। इससे पहले साल 2020 में सरोज पांडे ने राखी भेजकर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनावी वादा याद दिलाया था। साथ ही मुख्यमंत्री से प्रदेश में शराबबंदी का तोहफा मांगा था, सरोज ने कटाक्ष किया था।
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