पीएम नरेंद्र मोदी के 3 अक्टूबर को बस्तर दौरे से पहले कांग्रेस ने बड़ी चुनावी चाल चली है। 3 अक्टूबर को पीएम जगदलपुर के लाल बाग मैदान में चुनावी सभा करने आने वाले हैं और इसी दिन कांग्रेस ने बस्तर बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन रायपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी पर हमला बोलेत हुए कहा कि कल पीएम नरेंद्र मोदी बिलासपुर आए थे और फिर झूठ परोसकर चले गए। आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी 3 अक्टूबर को नगरनार स्टील प्लांट का उद्धघाटन करने और उसे निजी हाथों में सौंपने के लिए बस्तर आ रहे हैं।
सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर बंद का समर्थन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को जुमलेबाज बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम 3 अक्टूबर को बस्तर आ रहे हैं, ऐसे में उन्हें यह बात मालूम चल सके कि बस्तर की जनता चाहती क्या है। आदिवासियों की जमीन एनएमडीसी को दी गई है। प्लांट में नौकरी के लिए आदिवासी लगातार आंदोलन करते रहे उस दौरान हम जब विपक्ष में थे। उस दौरान भी हमने पत्र लिखा था कि आदिवासियों को उचित व्यवस्थापन हो। सरकार में आने के बाद हमने विधानसभा में संकल्प पारित किया कि नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेश ना किया जाए। राज्य सरकार प्लांट का अधिग्रहण कर ले, लेकिन बीजेपी ने यहां पर भी राजनीति करते हुए उसके अधिग्रहण को लेकर ऐसे बिंदु जोड़ दिए हैं कि ताकि राज्य सरकार इसमें शामिल ना हो सके।
सीएम भूपेश ने कहा कि बीजेपी विधायकों ने भी विधानसभा में स्टील प्लांट के निजीकरण नहीं करने और अधिग्रहण की स्थिति में राज्य सरकार को दिये जाने के अशासकीय संकल्प पर सहमति दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इस संदर्भ में एक पत्र लिखा था। अब बीजेपी के लोग भी इस खुलकर अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक अशासकीय संकल्प विधानसभा में लाया था कि इस स्टील प्लांट का निजीकरण ना किया जाए। अगर करना ही है तो राज्य सरकार को इसका अधिग्रहण करने की अनुमति दें, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को बोली लगाने से ही वंचित कर दिया। इसका मतलब है कि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया। इसे लेकर आदिवासी समाज भी आक्रोशित है और विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने का बस्तर में विरोध हो रहा है। जब नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना हो रही थी, तो छत्तीसगढ़ के लोगों ने इस प्लांट को निजी हाथों में देने के लिए जमीन नहीं दी है। प्लांट से छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है। यहां के विकास की उम्मीद है। इससे हमारे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में विकास की नई शुरुआत होगी, लेकिन प्लांट की स्थापना के बाद इसे निजी हाथों को सौंपने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के लोगों का सपना चकनाचूर नहीं होने देंगे। हम नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने का विरोध करेंगे। पीएम बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों को आश्वस्थ करें कि प्लांट की जमीन निजी हाथों में नहीं बेचेंगे। हमने जमीन एनएमडीसी को दिया था। नगरनार संयंत्र को लेकर कहा कि इस संयंत्र का निर्माण बस्तर के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया है। टाटा, जिंदल, वेदांता तथा अडानी की कंपनियों के अधिकारी सर्वे करने पहुंचे थे। अगर ऐसा नहीं है तो फिर प्रधानमंत्री मोदी जनता को ये भरोसा दिलाएं कि ये संयंत्र नहीं बिकेगा?
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