बिलासपुर। गर्मी के मौसम में चश्मों का बाजार में भी गर्मी आ गई है। धूप और धूल से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए चश्मे लोगों का सहारा बन रहे है। यूं तो तेज धूप और धूल से आंखों को बचाने के लिए हर उम्र के अधिकांश लोग रंगीन चश्मे का प्रयोग करते हैं, लेकिन युवा वर्ग चश्मों को लेकर बेहद गंभीर होते है और स्टाईलिश चश्मा उनके चेहरे की सुंदरता को और भी बढ़ा देता है। युवा ब्रांडेड चश्मे की डिमांड पर प्राथमिकता देते है। युवा पोलेराइड चश्मों को ज्यादा पसंद कर रहे है। दयके अलावा बी-टू ग्लास, सीआर लेंस, फोटो लेंस के साथ डिजाइनर चश्मों की भी मांग है। वही बिना ब्रांड के चौड़े फ्रेम में कंट्रास्ट वाले चश्मों को भी काफी पसंद किया जा रहा है। युवतियां भी इस कांबीनेशन में पीछे नहीं हैं। इस समय लोगों के लिए धूप के चश्मे केवल शौक ही नहीं, मजबूरी भी बन गए हैं। वजह, सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणों से आखों पर खतरा बन रहा है, जिससे आंखों के प्रति लापरवाही भारी पड़ सकती है। एलर्जी की स्थिति में आखों में जलन, खुजली होने के साथ लालिमा हो सकती है। खतरा सबसे अधिक उन लोगों को है, जिनका ज्यादातर समय फील्ड में गुजरता है। उनका सीधा सामना धूप और धूल से होता है। बाइक सवार लोगों के लिए भी धूल और धूप परेशानी खड़ी करती है। आंखों के आसपास काले धब्बे, आंखों से पानी आना, आंखें लाल रहना, आंखों के अंदर या बाहर खुजली होना जैसी एलर्जी हो सकती है। गर्मी में जागरूक लोग चश्मे के प्रयोग को ही वरीयता दे रहे हैं। यही वजह है कि इन दिनों चश्मा बाजार में बिक्री सामान्य दिनों की अपेक्षा दो-गुनी से भी अधिक पहुंच गई है। चश्मा विक्रेता श्याम जोशी बताते है कि गर्मियों में सनग्लासेज की मांग अधिक बढ़ जाती है। इस बार लोग ब्रांडेड चश्मों को ज्यादा पसंद कर रहे है। वहीं बाजार में सामान्य चश्मों की भी खबू मांग है।
गर्मी में चश्में आन डिमांड, युवाओं को भा रहे स्टाइलिश सनग्लासेज
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