रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने सामाजिक समरसता को राष्ट्रीय चरित्र का मूलभूत तत्व बताया है. 30 दिसंबर को उन्होंने सामाजिक समसरता गतिविधि से जुड़े कार्यों पर स्वयंसेवकों व अधिकारियों से चर्चा कर उनका मार्गदर्शन किया इस अवसर पर डॉ मोहन भागवत ने कहा कि भारत में प्रत्येक गांव, तहसील व जिले में सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने वाली सज्जन शक्ति रहती है. उन्होंने हमेशा जाति, पंथ से ऊपर राष्ट्रीय हितों को रखा. यही वजह है कि 140 करोड़ भारतीय किसी भी धर्म, जाति, पंथ से क्यों न आते हों वह अपने राष्ट्रीय चरित्र को नहीं भूलते.
सामाजिक समरसता की नींव पर खड़ा होगा भविष्य का भारत : डॉ मोहन भागवत
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