रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब भूखंड पर निर्माण कराने के लिए लेआउट पास कराना महंगा हो गया है। राज्य के आवास एवं पर्यावरण विभाग ने लेआउट शुल्क में कई गुना वृद्धि करते हुए इसे लागू कर दिया है। यह शुल्क अब भूखंड के क्षेत्रफल के आधार पर लिया जाएगा। बता दें कि पहले किसी भी भूखंड के लिए लेआउट पास कराने पर 3,750 रुपये का शुल्क लिया जाता था। नई दरों के अनुसार, यह शुल्क न्यूनतम 60,000 रुपये कर दिया गया है। यह बदलाव राज्य सरकार के लिए बड़े राजस्व का साधन बनेगा, लेकिन मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ लेकर आएगा। आवास एवं पर्यावरण विभाग ने छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में संशोधन किया है। अब लेआउट पास कराने के लिए आवेदन के साथ शुल्क जमा करने की पावती लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। पावती के बिना किसी भी आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा और उसे अमान्य घोषित कर दिया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया और शुल्क संरचना में बदलाव आवास एवं पर्यावरण विभाग ने छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के तहत छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में संशोधन किया है। संशोधन के तहत प्रत्येक लेआउट आवेदन के साथ शुल्क की पावती संलग्न करना अनिवार्य होगा। बिना पावती के किसी भी आवेदन को विधिमान्य नहीं माना जाएगा और उसे खारिज कर दिया जाएगा।
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