लघु कथा
एक गरीब आदमी था , वह रोज मंदिर जाता और सप्तम स्वर में ईश्वर से याचना करता – हे भगवन, मुझे रोटी दे और संभव हो तो रोटी के साथ थोड़ी दाल भी दे दें !
एक धरमगुरु हर दिन की उसकी इस टुच्ची प्रार्थना को सुनते – सुनते उक्ता गया !
एक दिन उससे रहा नहीं गया ! लगा उसे फटकारने – तुम्हे शर्म नहीं आती, ईश्वर से मांगते भी हो तो क्या, दाल-रोटी कुछ तो शरम करो !
गरीब ने पूछा- तो फिर तुम्हीं बता दो, मैं ईश्वर से क्या मांगू ! अच्छा यही बताइये की आप क्या मांगते हैं ?
उस धर्मगुरु ने गर्व से कहा – मैं मांगता हूँ- हे ईश्वर, मुझे सत्य, ईमानदारी, संयम और नैतिकता दे !स गरीब ने जवाब दिया- सही फ़रमाया आपने ! व्यक्ति ईश्वर से वही मांगता है जो उसके पास नहीं होता है
रवि के गुरुबक्षाणी मो 8109224468
+ There are no comments
Add yours