भारत चीन के बीच सीमा विवाद पहले की भांति ही जारी है। हालांकि दोनों देश तनाव को कम करने के लिए लगातार वार्ता कर रहे हैं। इसी क्रम में आज यानी सोमवार को भारत और चीन 19वें राउंड की कोर कमांडर स्तर की वार्ता करेंगे। इस बैठक से पहले रक्षा अधिकारियों ने दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख में सेना के जवान मुस्तैदी के साथ तैनात हैं, साथ ही भारतीय वायुसेना भी अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है। रक्षा अधिकारियों का कहना है कि सेना इजरायली ड्रोन जैसी नई हथियार प्रणालियों को शामिल कर रही है, जो मिसाइल और बम ले जाने में सक्षम हैं।
जारी है तनाव
साल 2020 में गलवान में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर मौजूद हैं। चीन लगातार अपनी तरफ सैन्य ढांचे का विकास कर रहा है, वहीं भारत की तरफ भी इसमें तेजी आई है। हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
साल 2020 में गलवान में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर मौजूद हैं। चीन लगातार अपनी तरफ सैन्य ढांचे का विकास कर रहा है, वहीं भारत की तरफ भी इसमें तेजी आई है। हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
इस मुद्दे को लेकर भारत बनाएगा दबाव
भारत और चीन के बीच पहले हुई बैठकों में कई मुद्दों पर सहमति बनी हैं। हालांकि कुछ मुद्दे अभी भी तनाव की वजह बने हुए हैं। आज होने वाली बैठक में शेष टकराव वाले स्थानों को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा होने की उम्मीद है। हाल ही में सूत्रों ने बताया था कि 14 अगस्त को होने वाली वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करेगा।
भारत और चीन के बीच पहले हुई बैठकों में कई मुद्दों पर सहमति बनी हैं। हालांकि कुछ मुद्दे अभी भी तनाव की वजह बने हुए हैं। आज होने वाली बैठक में शेष टकराव वाले स्थानों को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा होने की उम्मीद है। हाल ही में सूत्रों ने बताया था कि 14 अगस्त को होने वाली वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करेगा।
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