उन्होंने कहा कि चीन का बातचीत का मुद्दा अलग है, नक्शे अलग. पहले भी चीन नक्शे निकालता रहा है. चीन के दावे से कुछ नहीं होता. वो इलाके भारत का हिस्सा हैं.
भारत को चीन प्लस वन के रूप में नहीं दिखाया जाना चाहिए- एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जी 20 अपने जनादेश का पालन करेगा, जो वैश्विक वृद्धि और विकास है. यूएनएससी अपना काम करता रहेगा. आप कहीं और जाकर संयुक्त राष्ट्र को ठीक नहीं कर सकते. संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को यह महसूस करना होगा कि यह सुधारों का समय है. भारत को चीन प्लस वन के रूप में नहीं दिखाया जाना चाहिए”.
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी मिसाल बना रहा है. भारत ग्लोबल साउथ की आवाज है. ग्लोबल साउथ विकास का अक्स है, आय का अक्स है. ग्लोबल साउथ एकता का अहसास भी है. ग्लोबल साउथ प्रदर्शन का आइना भी है. ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनना बहुत बड़ा उत्तरदायित्व है, हमने यह नाम खुद नहीं दिया है.
एस जयशंकर ने कहा, “हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि हम देश में विनिर्माण बढ़ाने के तरीके ढूंढे. क्योंकि यह एक रोजगार समर्थक नीति है. हमारे लिए ये एक बड़ा अवसर है. दुनिया पारदर्शिता के साथ अधिक आपूर्ति श्रृंखला चाहती है.” उन्होंने कहा कि भारत को ”चीन+1” के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा, “मैं इस बात से सहमत हूं कि जो लोग उपदेश देते हैं, वे उस पर अमल नहीं करते हैं. हमें अपने काम से दुनिया को दिखाना है. वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में हमें बहस के मंचों पर बहस करनी चाहिए. ये हमारी जिम्मेदारी है.”
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