गोरखपुर के अलहदादपुर निवासी व सूक्ति एसोसिएट्स के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी ने सात सितंबर को ही मामले की शिकायत सीबीआई की एसीबी विंग के पुलिस अधीक्षक से की थी। इस दौरान ही उन्होंने मोबाइल से बातचीत का चैट भी दे दिया था, जिससे संदेह और गहरा हो गया था। इसके बाद दो सदस्यीय टीम गोरखपुर के रेलवे अधिकारी के दफ्तर में मंडराने लगी थी।
सूत्रों की मानें तो केसी जोशी से ठेकेदार बनकर सीबीआई के लोगों ने मुलाकात भी की थी। उन्हें भनक तक नहीं लगी और उसकी संदिग्ध गतिविधियों से सीबीआई को मामले में सचाई नजर आई। इसके बाद टीम की रिपोर्ट पर मंगलवार को सीबीआई ने केस दर्ज कर आरोपी को रंगेहाथ दबोच लिया।
जानकारी के मुताबिक, नौ सितंबर को ही प्रणव ने लखनऊ में जाकर पुलिस अधीक्षक से सीधी मुलाकात की थी। उन्होंने वहां पर प्रार्थना पत्र देते हुए बताया था कि उनसे रिश्वत मांगी जा रही है, लेकिन वह नहीं देना चाहते। इस वजह से कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड भी दिखाया था।
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