जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों के साथ 48 घंटे से अधिक समय से चल रही मुठभेड़ में एक सैनिक लापता हो गया है, जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं. मंगलवार देर रात सेना और पुलिस ने आतंकियों की तलाश के लिए ज्वॉइंट सर्च ऑपरेशन चलाया. यह भीषण मुठभेड़ बुधवार तड़के शुरू हुई थी. अनंतनाग में बुधवार को एक कर्नल, एक मेजर और जम्मू-कश्मीर के डीएसपी शहीद हो गए थे. वहीं, सेना ने 2 आतंकियों को मार गिराया था.
ख़बर है कि मुठभेड़ में घायल हुआ एक जवान लापता है. वहां अभी भी दो से तीन आतंकी छुपे हुए हैं. ये वही आतंकी हैं जिनके बारे में इंटेलिजेंस इनपुट मिलने पर मंगलवार देर रात को ऑपरेशन लॉन्च किया गया था. सर्च के दौरान पता चला था कि आतंकी गांव के ऊपर की ओर घने जंगलों में छुपे हैं. आतंकियों पर ड्रोन और हैरोन से भी नज़र रखी जा रही है ताकि वे बच न पाएं. आतंकियों की तलाश में आधुनिक हथियारों और डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है.
चिनार कोर के जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और विक्टर फोर्स के जीओसी, मेजर जनरल बलबीर सिंह ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस एंटी टेरर ऑपरेशन को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को अंजाम दे रहे हैं. इस ऑपरेशन में आतंकवादियों को काबू करने के लिए नये जनरेशन के हथियार और तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. 40 घंटे से ज्यादा समय से चल रहे इस ऑपरेशन में हमला करने में सक्षम हेरॉन ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.12-13 सितंबर की रात सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साझा सर्च ऑपरेशन शुरू किया. अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग के गरोल गांव इलाके में दो से तीन आतंकवादियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है. सर्च ऑपरेशन के दौरान बलों को पता चला कि आतंकवादी घने वन क्षेत्र में गांव के ऊंचे इलाकों में छिपे हुए थे. कर्नल मनप्रीत सिंह ने सर्च ऑपरेशन का नेतृत्व किया. उनके साथ 19 आरआर की कोकेरनाग कंपनी के कमांडर मेजर आशीष ढोंचक थे. वे जंगलों और ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होते हुए आगे बढ़े.
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