महिला आरक्षण विधेयक आज लोकसभा में पेश किया जा सकता है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस विधेयक को सदन के पटल पर रखेंगे। सूत्रों के अनुसार, विधेयक कल यानी 20 सितंबर को लोकसभा से चर्चा के बाद पास हो सकता है। वहीं 21 सितंबर को विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इस संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के तहत महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में आरक्षण दिया जाएगा।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में लाए गए विधेयक से अलग होगा और इसमें संसद और विधानसभाओं से आगे अन्य निकायों में भी महिलाओं को आरक्षण देने का प्रावधान हो सकता है। ऐसी चर्चा है कि महिला आरक्षण में रोटेशन के आधार पर एक तिहाई सीटों पर महिलाओं को आरक्षण दिया जा सकता है। बता दें कि साल 1996 से ही महिलाओं को संसद में आरक्षण देने की मांग की जा रही है लेकिन अभी तक ये प्रयास सफल नहीं हो सके हैं। साल 2010 में यूपीए सरकार में भी महिला आरक्षण विधेयक संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया गया था। वहां से विधेयक पास भी हो गया था लेकिन सहयोगी पार्टियों को दबाव के चलते यह विधेयक लोकसभा में नहीं लाया जा सका।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला आरक्षण विधेयक को लेकर विपक्षी गठबंधन में भी मतभेद उभर सकते हैं। दरअसल इसकी वजह ये है कि कुछ विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि महिला आरक्षण विधेयक में एससी/एसटी और ओबीसी समुदाय के लिए विशेष आरक्षण की मांग कर रही हैं। वहीं कांग्रेस ने जो 2010 में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया था, उसमें किसी उप-आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया था। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि नए विधेयक पर विपक्षी पार्टियां कैसी प्रतिक्रिया दे रही हैं।
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