कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया है। हालांकि, इस मामले में कनाडा जरूरी सबूत देने में नाकाम रहा है। इन सब के बीच अब कनाडा की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कनाडा ने कुछ भारतीय अधिकारियों की बातचीत को इंटरसेप्ट किया है और उसी के आधार पर उसने भारत पर आरोप लगाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि इस निगरानी के काम में एक पश्चिमी देश ने भी कनाडा की मदद की है। कनाडा के मीडिया सीबीसी न्यूज ने गुरुवार को दावा किया कि कनाडा की जांच एजेंसियों ने महीने भर की जांच के बाद मानवीय और सिग्नल संबंधी खुफिया जानकारी इकट्ठा की हैं। इसमें कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों, जिनमें भारतीय राजदूत भी शामिल हैं, उनके बीच हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया। उसी के आधार पर कनाडा ने आरोप लगाए हैं। मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि एक अन्य पश्चिमी देश ने भी इस काम में कनाडा की मदद की है।
सबूत देने में नाकाम ट्रूडो, कनाडा ने इस आधार पर लगाए भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप
रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइव आइज गठबंधन में शामिल एक देश ने कनाडा को कुछ इनपुट मुहैया कराए हैं। बता दें कि फाइव आइज गठबंधन में कनाडा के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। सीबीसी की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और खुफिया सलाहकार जोडी थॉमस ने अगस्त में चार दिनों के लिए और सितंबर में पांच दिनों के लिए भारत का दौरा किया। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस दौरान खुद भारतीय अधिकारियों ने निज्जर की हत्या में शामिल होने से इनकार नहीं किया।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के कार्यक्रम से इतर कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपने देश की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में जो दावे किए, वह सबूतों के आधार पर किए थे। ट्रूडो ने कहा कि मैं आपको सुनिश्चित कर सकता हूं कि हाउस ऑफ कॉमन्स में लगाए गए आरोप किसी हल्के तरीके से नहीं लगाए गए बल्कि पूरी गंभीरता से यह बात की गई।
मामले से जुड़े सबूत देने में नाकाम ट्रूडो ने कहा कि जी20 सम्मेलन के दौरान भी उन्होंने पीएम मोदी से इस बारे में बात की थी और उनके सामने अपनी चिंताएं जाहिर की थी। ट्रूडो ने कहा कि भारत इस मामले को गंभीरता से ले और हमारे साथ मिलकर काम करे ताकि जवाबदेयी और न्याय सुनिश्चित हो सके। हालांकि, भारत पहले ही कनाडा के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर चुका है।
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