खेल मंत्री का दौरा रद्द, अरुणाचल के खिलाड़ियों को वीजा नहीं देने का मामला गरमाया

Estimated read time 1 min read

हांगझोऊ एशियाई खेलों से पहले भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ गया है। दरअसल, खेलों से पहले चीन की एक नापाक हरकत सामने आई। उसने हांगझोऊ एशियाई खेलों के लिए अरुणाचल प्रदेश के तीन वूशु खिलाड़ियों को अंतिम क्षणों में वीजा नहीं दिया। ये वही तीन खिलाड़ी हैं, जिनके साथ चीन में कुछ महीने पहले हुए यूनिवर्सिटी गेम्स में भी चीन सरकार द्वारा बदसलूकी की गई थी और उन्हें नत्थी वीजा दिया गया था। अब फिर से इन तीनों को चीन ने सामान्य वीजा जारी नहीं किया। ऐसे में ये तीनों भारत की वूशु टीम के साथ हांगझोऊ रवाना नहीं हो सके। अब यह मामला गरमा गया है। भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पहले एशियाई खेलों के लिए चीन का दौरा करने वाले थे, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। एशियाई खेलों का आधिकारिक आगाज 23 सितंबर को होगा।

खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) बुधवार को इन खिलाड़ियों के वीजा के प्रयास में लगे रहे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। एक खिलाड़ी को एयरपोर्ट से ही वापस लौटना पड़ा। सूत्र बताते हैं कि खेल मंत्रालय, आईओए ने इन तीनों खिलाड़ियों को वीजा जारी करने के लिए आयोजन समिति से बात की तो उनसे कहा गया कि इन खिलाड़ियों को नत्थी वीजा जारी होगी। इसके लिए खेल मंत्रालय तैयार नहीं था। ऐसे में तीनों अरुणाचल प्रदेश के खिलाड़ी तेगा ओनिलु, लामगु मेपुंग और वांगसू न्येमान टीम के साथ नहीं जा पाए। बाकी टीम, जिसमें 10 खिलाड़ी और थे, हांगझोऊ के लिए रवाना हो गई। इससे पहले भी 26 जुलाई को विश्व यूनिवर्सिटी खेलों के लिए इन्हीं तीनों खिलाड़ियों को चीन ने नत्थी वीजा जारी कर दिया था। इसके विरोध में भारत सरकार ने पूरी वूशु टीम को एयरपोर्ट से वापस बुला लिया था।

वांग्सू न्येमान को तो इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा। उनके पास एशियाई खेलों की आयोजन समिति से जारी एक्रिडिटेशन (मान्यता कार्ड) भी था। खिलाड़ियों को एक्रिडिटेशन पर ही वीजा जारी किया गया है। वांगसू को एयरपोर्ट पर एयरलाइंस ने बताया कि वह केवल हांगकांग तक जा सकती हैं। उससे आगे का उनका वीजा नहीं है। तेगा और मेपुंग के अलावा सूरज को एशियाई खेलों की आयोजन समिति ने ई एक्रिडिटेशन जारी किया था। जब इन खिलाड़ियों ने अपना एक्रिडिटेशन कंप्यूटर से निकालना चाहा तो वांगसू, तेगा और मेपुंग के कार्ड नहीं आए, जबकि सूरज को वीजा जारी कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इनको कार्ड दिलाने के लिए भरसक प्रयास किए गए। एक बार जब एथलीटों को आयोजन समिति से एक्रिडिटेशन कार्ड (मान्यता कार्ड) प्राप्त हो गए, तो इसका मतलब था कि उन्हें एशियाई खेलों के लिए यात्रा करने की मंजूरी मिल गई। आश्चर्य की बात यह है कि केवल ये तीन खिलाड़ी ही अपना दस्तावेज डाउनलोड नहीं कर सके और वे फ्लाइट में नहीं चढ़ सके।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- भारत सरकार को पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने लक्षित और पूर्व-निर्धारित तरीके से,अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांगझोऊ में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है। भारत दृढ़ता से अधिवास या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को अस्वीकार करता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा। चीन द्वारा हमारे कुछ खिलाड़ियों को जानबूझकर और चुनिंदा तरीके से बाधित करने के खिलाफ नई दिल्ली और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है।

अरिंदम बागची ने कहा- चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करती है। चीनी कार्रवाई के खिलाफ हमारे विरोध के निशान के रूप में, भारत के सूचना और प्रसारण और युवा मामले और खेल मंत्री ने एशियाई खेलों के लिए चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours