अहमदाबाद । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में अहमदाबाद के मोटेरा स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुरूवार को गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि हमारा फोकस है छोटे किसान का जीवन कैसे बेहतर हो, पशुपालन का दायरा कैसे बढ़े, पशुओं का स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो, गांव में पशुपालन के साथ ही मछलीपालन और मधुमक्खी पालन को कैसे प्रोत्साहित किया जाए। श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि मुझे खुशी है कि यहां गुजरात में भी हमारी डेयरी सहकारी समितियों में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। मुझे याद है जब मैं गुजरात में था तो हमने डेयरी सेक्टर से जुड़ी महिलाओं के लिए एक और बड़ा काम किया था। हमने ये सुनिश्चित किया कि डेयरी का पैसा हमारी बहनों-बेटियों के बैंक खातों सीधे जमा हो। मैं आज इस भावना को विस्तार देने के लिए भी अमूल की प्रशंसा करुंगा। हर गांव में माइक्रो एटीएम लगने से पशु-पालकों को पैसा निकालने के लिए बहुत दूर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आने वाले समय में पशुपालकों को रुपे क्रेडिट कार्ड देने की भी योजना है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पंचमहाल और बनासकांठा में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त होना जरूरी है। पहले केंद्र में जो सरकारें रहीं, वो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को टुकड़ों में देखती थीं। हम गांव के हर पहलू को प्राथमिकता देते हुए काम को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारा फोकस है- छोटे किसान का जीवन कैसे बेहतर हो। हमारा फोकस है- पशुपालन का दायरा कैसे बढ़े। हमारा फोकस है- पशुओं का स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो। हमारा फोकस है- गांव में पशुपालन के साथ ही मछलीपालन और मधुमक्खी पालन को कैसे प्रोत्साहित किया जाए। इसी सोच के साथ, हमने पहली बार पशुपालकों और मछलीपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है। हमने किसानों को ऐसे आधुनिक बीज दिए हैं जो जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार, राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसे अभियानों के माध्यम से दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने का भी काम कर रही है। लंबे समय तक फुट एंड माउथ डिजीज़- मुंहपका और खुरपका, हमारे पशुओं के लिए बहुत बड़े संकट का कारण रही है। इस बीमारी के कारण हर साल हज़ारों करोड़ रुपए का नुकसान आप सभी पशुपालकों को होता है। इसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में एक मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया है। इस अभियान पर 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। इसके तहत 60 करोड़ टीके लगाये जा चुके है। हम 2030 तक फुट एंड माउथ डिजीज़ को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि पशुधन की समृद्धि के लिए कल हमारी कैबिनेट की मीटिंग थी। यह कैबिनेट मीटिंग देर रात को थी। भाजपा सरकार ने इस कैबिनेट में बड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। नेशनल लाइवस्टॉक मिशन में संशोधन करके देसी नस्ल की प्रजातियों को बचाने के लिए नए उपायों की घोषणा हुई है। बंजर जमीन को चारागाह की तरह उपयोग में लाने के लिए भी आर्थिक मदद देने का निर्णय़ लिया गया है। सरकार ने पशुधन का बीमा कराने में किसान का कम से कम खर्च हो, इसके लिए प्रीमियम की राशि को भी कम करने का फैसला लिया है। ये फैसले पशुओं की संख्या बढ़ाने, पशुपालकों की आय बढ़ाने में और मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि हम गुजरात के लोग जानते हैं कि पानी का संकट क्या होता है। सौराष्ट्र में, कच्छ में, उत्तर गुजरात में हमने अकाल के दिनों में हजारों पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर मीलों-मीलों चलते जाते देखा है। हमने मरते पशुओं के ढेर, उसकी तस्वीरें भी देखी हैं। नर्मदा जल पहुंचने के बाद ऐसे क्षेत्रों का भाग्य बदल गया है। हम प्रयास कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी चुनौती से ना जूझना पड़े। सरकार ने जो 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए हैं, वो भी देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत मदद करने वाले हैं। हमारा प्रयास है कि गांव में छोटे किसान को आधुनिक टेक्नॉलॉजी से भी जोड़ें। गुजरात में आपने देखा है कि बीते वर्षों में माइक्रोइरीगेशन का दायरा, टपक सिंचाई का दायरा कई गुणा बढ़ गया है। टपक सिंचाई के लिए किसानों को मदद दी जा रही है। हमने लाखों किसान समृद्धि केंद्र स्थापित किए हैं, ताकि किसानों को गांव के निकट ही वैज्ञानिक समाधान मिल सकें। जैविक खाद बनाने में किसानों को मदद मिले, इसके लिए भी व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं।
हमारा फोकस है छोटे किसान का जीवन कैसे बेहतर हो: मोदी
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