नयी दिल्ली । रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और ‘व्यापार में सुगमता’ की दिशा में एक बड़ा सुधारवादी कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग ने गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय का पुनर्गठन किया है जिसका उद्देश्य गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रियाओं और परीक्षण के कार्य तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाना है। यह पुनर्गठन आयुध निर्माणियों के निगमीकरण के बाद गुणवत्ता आश्वासन पद्धति और महानिदेशालय की बदली हुई भूमिका के अनुरूप है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आयुध निर्माणियों के निगमीकरण, निजी रक्षा उद्योग की बढ़ती भागीदारी और स्वदेशीकरण की दिशा में सरकार द्वारा प्रोत्साहन के साथ, उभरते रक्षा विनिर्माण उद्योग को समर्थन के लिए महानिदेशालय को फिर से संगठित करने की आवश्यकता महसूस की गई। महानिदेशालय पहले से ही रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में सभी हितधारकों के साथ सक्रिय चर्चा के बाद विभिन्न संगठनात्मक और कार्यात्मक सुधारों का संचालन कर रहा है। कार्यान्वयन के तहत नई संरचना सभी स्तरों पर संपूर्ण उपकरण और हथियार प्लेटफॉर्म के लिए एकल बिंदु तकनीकी सहायता सक्षम करेगी और उत्पाद-आधारित एकरूपता भी सुनिश्चित करेगी। मानकीकृत क्यूए प्रक्रियाओं के स्वचालन और डिजिटलीकरण के साथ इस व्यवस्था से महानिदेशालय के साथ रक्षा उद्योग की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है। पुनर्गठित संरचना और कार्यात्मक सुधारों से देश में निर्माताओं को मार्गदर्शन देने के लिए भारतीय मानकों की उपलब्धता के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशीकरण अभियान को बढ़ावा मिलेगा और इससे उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
रक्षा उत्पादन विभाग के गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय का पुनर्गठन
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