नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी समेत कुछ सवालों पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि आजादी बहुत महत्वपूर्ण है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता। दरअसल सीएम केजरीवाल ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार चुनाव से ठीक पहले किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से जवाब देने व कार्यवाही शुरू होने और शिकायत दर्ज होने के बीच होने वाली समय के अंतर को बताने को कहा है। प्रवर्तन निदेशालय को जवाब देना होगा कि क्या न्यायिक कार्यवाही चल रही है। जस्टिस खन्ना ने ईडी से पूछा कि-
1. लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार क्यों किया गया?
2. न्यायिक कार्यवाही के बिना जो कुछ हुआ है। आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं।
3. मामले में कुर्की की कार्रवाई नहीं हुई है। अगर हुई है तो मामले में अरविंद केजरीवाल कैसे शामिल हैं।
4. मनीष सिसोदिया इसमें पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं। बताएं कि अरविंद केजरीवाल मामला कहां है। उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा है जो अभियोजन पर जिम्मेदारी डालती है। इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती है, क्योंकि केजरीवाल धारा 45 का सामना कर रहे हैं।
5. प्रवर्तन निदेशालय बताएं इसकी व्याख्या कैसे करें। यह सुनिश्चित करें जो शख्स दोषी है उसका मानक पता लगाने के लिए समान हों।
6. गिरफ्तारी और कार्यवाही के बीच इतने समय का अंतराल क्यों है।
21 मार्च से तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल
21 मार्च 2024 को गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद है। केजरीवाल की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रख रहे हैं।
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