कोरबा : कील की सेज पर सोकर दीप प्रज्वलित कर रही महिला

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कोरबा: देवी के आस्था रखने वाले श्रद्धालु आमतौर पर उपवास और पूजा से अपनी भक्ति प्रदर्शित करते हैं। इस बीच हरदीबाजार के निकट ग्राम नेवसा निवासी ईश्वरीय चौहान की आस्था इन दिनों श्रद्धालुओं के लिए दर्शनीय बनी हुई है। कील की सेज पर सोकर ईश्वरीय ने नवरात्र के अवसर दुर्गा माता के प्रति अपनी भक्ति भाव को प्रकट किया हैं। पर्व के पहले ही दिन से वह की लगे लकड़ी के पटरे पर सोई हुई है। सेज पर ही ज्योति कलश प्रज्ज्वलित हो रहा है। इस संबंध में ईश्वरीय ने बताया कि अक्सर सपने में उसे देवी माता छोटी बालिका के रूप दिखाई देकर पूजा के लिए प्रेरित करती थी। नवरात्र शुरू होने के कुछ दिन पहले सपने में उसे रूद्राक्ष की माला लेकर सफेद साड़ी में लिपटी देवी दर्शन दिया और कील लगा पटरे की सेज भी दिखाई दिया। तब मैंने कील युक्त सेज में सोकर मनोकामना दीप प्रज्ज्वलित करने का संकल्प लिया। इसके पीछे यही कामना है कि देवी का स्मरण कर दूसरे के दुख को दूर करने के प्रार्थना कर सकूं। वासंती नवरात्र का उत्साह अपने उत्कर्ष पर है। हरे भरे जवारा के बीच मनोकामना ज्योति कलश का दर्शन करने के लिए देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को महाष्टमी के अवसर पर मंदिरों में यज्ञकुंड में आहुति देकर महागौरी की आराधना की गई है। बुधवार को देवी की नवम रूप सिद्धिदात्री पूजा के साथ नवरात्र पर्व पूर्ण होगी। देवी के नौ रूप के स्तुति का महापर्व नवरात्र की जिले भर में चौतरपुा धूम में देखी जा रही है। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा के अवसर पर मंदिरों में घट स्थापना के साथ चल रही पूजा आराधना से वातावरण भक्तिमय हो गया है। महाष्टमी के अवसर पर शहर के प्रसिद्ध सर्वमंगला, शाकंभरी दरबार सहित विभिन्न् मंदिरों में विशेष यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन किया गया। अनुष्ठान में आहुति देने के लिए मनोकामना के ज्योति कलश प्रज्वलित कराने वाले श्रद्धालुओं को भी आमंत्रित किया गया था। मंत्रोच्चार के साथ जनकल्याण के लिए देवी आराधना की गई। सप्तमी पर्व से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ शुरू हो गई थी जो अष्टमी के दिन भी जारी रही। कोरबा चांपा मार्ग स्थित मां मड़वारानी मंदिर में नवरात्र के अंतिम दिन जवारा व कलश पूजा के साथ यज्ञ अनुष्ठान किया जाएगा। अष्टमी के अवसर पर यहां पूरे दिन भक्तों की कतार लगी रही। कोसगाई मंदिर में परंपरागत रीति से महाष्टमी पर महागौरी की पूजा की गई। मंदिरों में माता की प्रतिमा की प्रति दिन सिंगार की जा रही है। दर्री बांध के निकट मां भवानी मंदिर में भक्तों ने मनोकामना की ज्योति दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। नवरात्र के अंतिम रामनवमी पर्व का आयोजन किया जाएगा। रामजन्म के उल्लास में धार्मिक संगठनों ने विविध आयोजन की तैयारी है, जिसमे झांकी और शोभा यात्रा आकर्षण के केंद्र रहेंगे। उत्सव उल्लास के साथ शहर के राम जानकारी मंदिर की सजावट की गई है। शहर अलावा कटघोरा, पाली, दीपका, दर्री आदि स्थानों आयोजन लेकर हिंदू संगठनों में उत्साह देखा जा रहा है। महाष्टमी पर्व के अवसर पर जगह जगह भोग भंडारे का आयोजन किया गया। प्रमुख देवी मंदिरों जहां प्रतिदिन भंडारे का आयोजन हो रहा है वहीं अन्य मंदिरों व शहर के विभिन्न स्थानों में भोग प्रसाद का वितरण किया गया है। महाष्टमी पर कन्या भोज का भी आयोजन किया गया। कोसाबाड़ी, पुराना बस स्टैंड, सीतामढ़ी आदि स्थानों में टेंट लगाकर श्रद्धालुओं को भोग प्रसाद का वितरण किया। प्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ अर्जित किया।
कलश ज्योति विसर्जन आज
नवरात्र पर्व की पुर्णाहुति के साथ मां सर्वमंगला मंदिर में गुरूवार को कलश विसजर्सन यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा मंदिर परिशर की परिक्रमा करते हुए हसदेव तट पहुंचेगी, जहां विधिविधान से कलशों का विसर्जन किया जाएगा। शहरी क्षेत्र के मंदिर के अलावा गांवों में भी जौ नवरात्र की शोभायात्रा शाम को निकाली जाएगी। लोकवाद्य यंत्रों की ताल पर जसगीत की धुन में जवारा कलश को विसर्जित किया जाएगा।

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