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*न्यायपालिका के अपशकुनी बोल : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में. इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में* *(आलेख : बादल सरोज)*
भारत दुनिया के उन विरले देशों में से एक है, जिसमें रहने वाली आबादी का अपने-अपने समय की न्याय प्रणालियों में अगाध और अटूट भरोसा [more…]