विधिक सेवा दिवस के अवसर पर छ.ग.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी जी के निर्देशानुसार तीन स्थानों पर विधिक सेवा दिवस के अवसर पर कौशलेन्द्र राव विधि महाविद्यालय में, केन्द्रीय जेल में तथा हॉफवे होम में विधिक जागरूकता का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आज इस अवसर पर सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल, श्रीमती कामिनी जायसवाल, अवर सचिव, श्री शशांक शेखर दुबे, विधिक सहायता अधिकारी, हाफ वे होम मंे जाकर स्वस्थ्य हो चुके मानसिक रोगियों से मुलाकात की। मानसिक चिकित्सालय से स्वस्थ्य होने के पश्चात् ऐसे मरीजों को हाफ वे होम में रखा जाता है और कुछ समय अंतराल पश्चात् उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जाती है। इस अवसर पर प्राधिकरण द्वारा फल वितरण किया गया। श्री आनंद प्रकाश वारियाल द्वारा संबांधित करते हुए कहा गया कि आप सभी स्वस्थ्य हो चुके मानसिक रोगियों को यथाशीघ्र अपने घर भिजवाने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण कार्य करता रहा है तथा आगे भी प्रयास करेगा। हॉफवे होम से प्राप्त सूचना के आधार पर ऐसे मरीजों के राज्य तथा राज्य के बाहर स्थित उनके घर परिवार से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण संपर्क करता है और उन्हें घर भिजवाने की व्यवस्था करता है। हम आपको आश्वस्त करते है कि आपको भी यथाशीघ्र अपने परिजनों के पास हम भिजवाने की व्यवस्था करेंगे। इस संबंध में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण अभियान उम्मींद संचालित कर रहा है। अब तक 56 मानसिक रोगियों को उनके घर तक भिजवाया जा चुका है, जिसमें प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर के भी मरीज शामिल थे। आज ही निरीक्षण के दौरान स्वस्थ्य हो चुके एक व्यक्ति राजेन्द्र ने अनुरोध किया कि वह स्वस्थ्य हो चुका है और उसे शीघ्र घर भिजवाया जाये उसने यह भी कहा कि वह अपनी पत्नी व बच्चों से मिलना चाहता है और अपने भाई से बात करना चाहता है। उसने अपने भाई का दूरभाष नं. उपलब्ध कराया, जिस पर उसके भाई से मोबाईल के माध्यम से बातचीत करायी गयी। उसके भाई ने आश्वस्त कराया कि वह शीघ्र ही भाभी एवं बच्चों को लेकर आएगा और मुलाकात कराएगा तथा डॉक्टर द्वारा अनुमति देने पर उसे वापस घर भी ले जाएगा। ज्ञात हो कि मानसिक चिकित्सालय से स्वस्थ्य होकर 60 पुरूष तथा 100 महिलाएं हॉफ वे होम में निवासरत हैं और अपने घर जाने का इंतजार कर रहे हैं।
आज इस अवसर पर सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल, श्रीमती कामिनी जायसवाल, अवर सचिव, श्री शशांक शेखर दुबे, विधिक सहायता अधिकारी, हाफ वे होम मंे जाकर स्वस्थ्य हो चुके मानसिक रोगियों से मुलाकात की। मानसिक चिकित्सालय से स्वस्थ्य होने के पश्चात् ऐसे मरीजों को हाफ वे होम में रखा जाता है और कुछ समय अंतराल पश्चात् उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जाती है। इस अवसर पर प्राधिकरण द्वारा फल वितरण किया गया। श्री आनंद प्रकाश वारियाल द्वारा संबांधित करते हुए कहा गया कि आप सभी स्वस्थ्य हो चुके मानसिक रोगियों को यथाशीघ्र अपने घर भिजवाने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण कार्य करता रहा है तथा आगे भी प्रयास करेगा। हॉफवे होम से प्राप्त सूचना के आधार पर ऐसे मरीजों के राज्य तथा राज्य के बाहर स्थित उनके घर परिवार से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण संपर्क करता है और उन्हें घर भिजवाने की व्यवस्था करता है। हम आपको आश्वस्त करते है कि आपको भी यथाशीघ्र अपने परिजनों के पास हम भिजवाने की व्यवस्था करेंगे। इस संबंध में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण अभियान उम्मींद संचालित कर रहा है। अब तक 56 मानसिक रोगियों को उनके घर तक भिजवाया जा चुका है, जिसमें प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर के भी मरीज शामिल थे। आज ही निरीक्षण के दौरान स्वस्थ्य हो चुके एक व्यक्ति राजेन्द्र ने अनुरोध किया कि वह स्वस्थ्य हो चुका है और उसे शीघ्र घर भिजवाया जाये उसने यह भी कहा कि वह अपनी पत्नी व बच्चों से मिलना चाहता है और अपने भाई से बात करना चाहता है। उसने अपने भाई का दूरभाष नं. उपलब्ध कराया, जिस पर उसके भाई से मोबाईल के माध्यम से बातचीत करायी गयी। उसके भाई ने आश्वस्त कराया कि वह शीघ्र ही भाभी एवं बच्चों को लेकर आएगा और मुलाकात कराएगा तथा डॉक्टर द्वारा अनुमति देने पर उसे वापस घर भी ले जाएगा। ज्ञात हो कि मानसिक चिकित्सालय से स्वस्थ्य होकर 60 पुरूष तथा 100 महिलाएं हॉफ वे होम में निवासरत हैं और अपने घर जाने का इंतजार कर रहे हैं।
प्राधिकरण प्रदेश के जेल में बंद लगभग 20000 बंदियों के डाटा ’’हक हमारा भी तो है/75’’ के अंतर्गत तैयार कर रहा है
केन्द्रीय जेल बिलासपुर में संबोधित करते हुए श्री आनंद प्रकाश वारियाल, सदस्य सचिव, छ.ग. रा.वि.से.प्रा.बिलासपुर ने कैदियों को नालसा द्वारा दो हफ्ते के लिये चलाये जा रहे ’’हक हमारा भी तो है/75’’ में चल रहे अभियान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए उन्हें आंकड़े के माध्यम से निःशुल्क विधिक अधिवक्ता, उनके परिजनों को सूचना एवं उनके प्रकरणों की स्थिति के संबंध में अवगत कराया तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पैरा लीगल वालेन्टियर्स एवं पेनल अधिवक्ताओं के माध्यम से की जा रही कार्यवाही एवं आंकड़ों की भी जांच कर उन्हें समयावधि के भीतर नालसा की गाइडलाइन के अनुसार आंकड़े एकत्रित करना भी अपेक्षित किया, साथ ही साथ उनके द्वारा इस विधिक कैम्प में लगभग 300 बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्याय दृष्टांत ’’सुओ मोटो ’’ के अनुसार 7 वर्ष से कम अवधि के अपराध से दंडित मामलों में जमानत या 50 प्रतिशत की जेल की सजा भुगत लिये जाने या 40 प्रतिशत की जेल की सजा भुगत लिये जाने के उपरांत प्रथम बार के अपराधी को न्याय दृष्टांत के अनुसार लाभ मिल सकना बताते हुए उनसे यह संकल्प भी लिया कि उन्हें इन सभी दिशा निर्देशों का लाभ प्राप्त होता है तो वह पुनः भविष्य में किसी भी अन्य अपराध में संलिप्त नहीं होंगे तथा वे अपना सामान्य जीवन जीते हुए अपने परिजनों के साथ सुखपूर्वक जीवन बिताएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि नालसा के निर्देशानुसार प्रदेशभर के सभी जेलों में अभियान संचालित करते हुए लगभग 20,000 बंदियों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है।
आज के इस कार्यक्रम में छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल, श्रीमती कामिनी जायसवाल, अवर सचिव, श्री शशांक शेखर दुबे, विधिक सहायता अधिकारी, केन्द्रीय जेल अधीक्षक, श्री एस.एस.तिग्गा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सचिव श्री राकेश सिंह सोरी उपस्थित थे।
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