नई दिल्ली (IMNB). पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। नवम्बर, 2021 में, माननीय राज्यमंत्री (पीपी) डॉ. जितेंद्र सिंह ने किसी भी एंड्रॉइड मोबाइल फोन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया था। सभी पंजीकृत पेंशनभोगी संघों, पेंशन संवितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों और सीजीएचएस वेलनेस केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ‘सुविधापूर्ण जीवन’ सुनिश्चित करने के लिए, जीवन प्रमाणपत्र जमा करने हेतु डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र/फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करें। इसी कड़ी में अवर सचिव के नेतृत्व में केंद्र सरकार की एक टीम प्रयागराज में थी। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए प्रत्यक्ष कर भवन, एस. बी. आई, बमरौली शाखा, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में 11 नवम्बर, 2022 को एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया।
दिनांक 1.10.2022 से अब तक कुल 36,38,937 डीएलसी जनरेट किए गए, फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से कुल 1,93,768 डीएलसी जनरेट किए गए। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए कुल 14,40,395 डीएलसी जनरेट किए गए तथा फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से कुल 1,20,145 डीएलसी जनरेट किए गए।
इस अभियान में पेंशनभोगियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक 92 वर्षीय पेंशनभोगी, श्री के.सी. गुप्ता भी फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए आए। उन्होंने इस नई तकनीक की शुरूआत पर अपनी प्रसन्नता और संतोष व्यक्त किया। अपने मोबाइल फोन में फेस ऑथेंटिकेशन जीवन प्रमाण ऐप डाउनलोड करने और अपने फोन से जीवन प्रमाणपत्र देने के संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पेंशनभोगियों का मार्गदर्शन किया गयाI जीवन प्रमाणपत्र 60 सेकंड के भीतर जेनरेट होता है और मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा जाता है जहां से इसे डाउनलोड किया जा सकता है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा डिजिटल दुनिया में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। अवर सचिव, श्री दीपक गुप्ता ने बताया कि पहले जीवन प्रमाणपत्र व्यक्तिगत रूप से देने के लिए वृद्ध पेंशनभोगियों को बैंकों के बाहर कतारों में घंटों खड़ा होना पड़ता था। अब, यह उनके घर से ही आसानी से एक बटन के क्लिक पर संभव हो गया है।
मोबाइल द्वारा फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया में, आधार संख्या, ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर, पीपीओ नंबर, बैंक/डाकघर के साथ खाता संख्या के बारे में ब्यौरे पहली बार आवश्यक हैं। यह सुविधा राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध है।
इस कार्यक्रम में बैंकों, पेंशनभोगी संघों, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय/एनआईसी और युआईडीएआई के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस अभियान की सफलता के लिए इन हितधारकों की भागीदारी अमूल्य थी। अवर सचिव ने आयोजन के दौरान सभी प्रतिनिधियों को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।
विभाग फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पूरे नवंबर माह में अभियान चला रहा है।
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