रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 07 जुलाई को रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 15 जून से 30 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.69 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 4.31 करोड़ और महिला समूहों को 2.84 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं. गोधन न्याय योजना अंतर्गत अब तक हितग्राहियों को 283 करोड़ 10 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. 07 जुलाई को 10.84 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 293 करोड़ 94 लाख रूपए हो जाएगा.
गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. गौठानों में 15 जून तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 147.06 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है. 07 जुलाई को गोबर विक्रेताओं को 3.69 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 150.75 करोड़ रूपए हो जाएगा. गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 136.04 करोड़ रूपए राशि की भुगतान किया जा चुका है. 07 जुलाई को गौठान समितियों को 4.31 करोड़ तथा स्व-सहायता समूह को 2.84 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 143.19 करोड़ रूपए हो जाएगा.
राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को जारी करेंगे 13.63 लाख रूपए की अनुदान राशि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 07 जुलाई को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत डेयरी स्थापित करने वाले 25 हितग्राहियों को 13 लाख 63 हजार 500 रूपए की अनुदान सहायता राशि उनके बैंक खातों में जारी करेंगे. लाभान्वित सभी हितग्राही गौठानों से जुड़े हैं और राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना से लाभान्वित होकर गौठानों में ही डेयरी यूनिट स्थापित की है. गौठानों से जुड़े हितग्राहियों को डेयरी स्थापना के लिए योजनांतर्गत लाभान्वित किए जाने की विशेष पहल पशु चिकित्सा संचालनालय द्वारा शुरू की गई है. इसका उद्देश्य गौठानों में आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है.
प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा अधिक से अधिक हितग्राहियों को आय के अतिरिक्त जरिया उपलब्ध कराने के लिए राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना वर्ष 2019 से संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत इच्छुक हितग्राहियों को उन्नत देसी नस्ल अथवा उच्च संकर नस्ल की दो दुधारू गाय अथवा भैंस दिये जाने का प्रावधान है. डेयरी इकाई की लागत एक लाख 40 हजार रूपए होने पर सामान्य एवं अन्य पिछड़े वर्ग के हितग्राहियों को 70 हजार तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों को 93 हजार 200 रूपए का अनुदान दिया जाता है.
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