श्री पार्श्वनाथ धाम रिसाली में पंचकल्याणक महामहोत्सव के ज्ञान कल्याणक दिवस
भिलाई। श्री पार्श्वनाथ धाम रिसाली में पंचकल्याणक महामहोत्सव के ज्ञान कल्याणक दिवस पर श्री जिनेन्द्र भगवान के मंगल अभिषेक शांतिधारा भक्तों ने आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज के अमृत वचनों के साथ मंदिर जी में किया। आज देश के अगल-अलग प्रांतों एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से हजारों जैन भक्तों ने पार्श्वधाम पहुंचकर आचार्य श्री को श्रीफल अर्पण कर मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया। प्रतिष्ठाचार्य सरस जी ने मंत्रोच्चार के साथ इंद्र-इंद्राणियों सहित पूजन अर्चना क्रिया कराई और आचार्य श्री ने पाषाण से भगवान बनाने के लिए ताम्र की 24 प्रतिमाओं के साथ 31 फीट ऊंची श्री मुनिसुव्रत भगवान की प्रतिमा पर सूर्य मंत्रोच्चार किया।
इस अवसर पर आज आदिकुमार भगवान की दीक्षा पश्चात अहारचर्या कराने वाले भक्तों का तांता लग गया। इस मौके पर आचार्य श्री महाराज विशुद्ध सागर महाराज ने अपने अमृत वचनों में कहा कि चैतन्य साधाना से जो भगवान को ऊंचा उठाएगा वह स्वयं ऊंचा हो जाएगा। दुर्ग वासियों ने सुमति नाथ भगवान की प्रतिमा को जब से ऊंचे स्थान पर विराज मान किया है तक से दुर्ग समाज ऊंचा उठने लगा है। आने वाले समय में नसिया जी दिगंबर जैन तीर्थ बनने जा रहा है।
आचार्य श्री ने कहा कि सुमति नाथ भगवान का अपूर्व चित्र बनाना यह तुम्हारा चैतन्य चित है। चैतन्य प्रतिमा के दर्शन देखते ही आपके परिणाम बदलने लग जाते हैं जब तुमको बाहर के चित्र प्रभावित कर सकते हैं तो अनंतमूर्ति भी आपको सोचो कितना प्रभावित कर सकती है। आप लोग मोबाइल पर पिक्चर और फिल्मों का त्याग करें। इसके दुष्परिणामों के कारण हमारा जीवन असंतुलित होने लग रहा है। आप तो जिनेंद्र भगवान से यह विनती करें जब भी मंदिर दर्शन करने आते हैं तो चांवल की द्रव्य डिब्बी खाली हो जाए और पुन: भरी हुई लेकर अगले दिन आएं।
आचार्य श्री ने कहा कि आप अपनी विद्या, धन और जल को छिपाकर मत रखें। जितना ज्यादा विद्या का उपयोग करोगे उसके अच्छे परिणाम आएंगे। धन को यदि गाड़ कर रखोगे तो वह सड़ जाएगा। आज दुर्ग में जितने तालाब बहुतायत में हैं वह पूरे देश में कहीं देखने को नहीं मिला है यह तालाब से पर्यावरण शुद्धि आती है और जमीन उपजाऊ रहने के साथ पानी लोगों के काम भी आता है। आप धन का संचय जितना ज्यादा यदि करते हो तो दान की भी भावना रखें। यदि आप अच्छे कार्यों में जरूरतमंदों की सेवा और धार्मिक कार्यों के साथ रचनात्मक कार्यों में धन का सदुपयोग करोगे तो उसके परिणाम भी आपको अच्छे मिलेंगे।
वस्तु स्वभाव जो है सो है
आचार्य श्री ने सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय जिस तेजी से चौबीसी भगवान की प्रतिमा स्थापित हो रही है यह वहां के लोगों के पुण्य का उदय है। उन्होंने पार्श्वनाथ धाम के पंचकल्याणक में प्रतिमाओं के प्रतिष्ठा जो प्रभात जैन करा रहे हैं यह यहां के भूमि में पुण्य कार्यों के उदय से हो रहा है। इस अवसर पर आचार्य श्री ने प्रदीप बाकलीवाल को संबोधित करते हुए कहा कि यह जो मोबाइल पर फोन का यूज इस धर्म सभा में करते हैं तो कम से कम जिनवाणी की प्रभावना होती है। वे मोबाइल फोन का दुरुपयोग नहीं करते हैं। कहने का सार यह है कि वस्तु स्वभाव जो है सो रहे।
14 को मोक्ष कल्याणक, भव्य शोभायात्रा
श्री पार्श्वनाथ धाम रिसाली में पंचकल्याणक महामहोत्सव तहत 14 नवंबर को मोक्ष कल्याण दिवस के अवसर पर विश्वशांति महायज्ञ व भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। मोक्ष कल्याण का दिवस सुबह 6:30 बजे होगी। इसके बाद विश्वशांति महायज्ञ व शोभायात्रा निकाली जाएगी।
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