भिलाई। हम सभी के असीम पुण्योदय से छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर अवस्थित लघु भारत के नाम से प्रख्यात इस्पात नगरी भिलाई में अवस्थित प्रगतिनगर, रिसाली में 17 वर्षों के उपरान्त नव निर्मित चौबीसी का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन दिनांक 15 नवम्बर 2022 मंगलवार से 19 नवम्बर 2022 शनिवार तक परम पूज्य चर्या शिरोमणी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज (ससंघ) के पावन सानिध्य में अपूर्व उत्साह एवं धर्म प्रभावना के साथ आयोजित होने जा रहा है। यह भव्य आयोजन अयोध्या नगरी, दशहरा मैदान रिसाली में होगा।
प्रेसवार्ता के माध्यम से आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि आप इष्ट, परिजनों, मित्रों के साथ पाषाण से परमात्मा बनने की प्रक्रिया में पूजा अनुष्ठानादि के माध्यम से भावों की विशुद्धि को वृद्धिंगत करते हुए सातिशय पुण्यार्जन करें। तय कार्यक्रम के अनुसार परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर महाराज की अगवानी 14 नवंबर 2022 को दोपहर 4:00 बजे होगी। 15 नवंबर 2022 की सुबह 7 बजे मंदिर जी से दशहरा मैदान तक भव्य घट यात्रा और उसके बाद 8 बजे ध्वजारोहण व मंडप उद्घाटन होगा।
भिलाई दुर्ग और छत्तीसगढ़ के समस्त जैन मंदिर के पदाधिकारी एवं महानुभावों से निवेदन है कि श्रीमद् जिनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ रिसाली, भिलाई मैं आप सभी सकल जैन समाज के साथ सादर आमंत्रित हैं। प्रेसवार्ता में अध्यक्ष देवेश जैन, मुख्य संयोजक प्रकाश जैन, महामंत्री कमलेश जैन, कोषाध्यक्ष सुनील जैन, प्रचार प्रसार प्रभारी प्रदीप जैन बाकली वाल व किशोर जैन, स्वागता अध्यक्ष राकेश जैन, ज्ञानचंद बाकलीवाल, राजीव जैन, उपाध्यक्ष विजय जैन, मोहन भारती, अशोक गोयल आदि उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता के माध्यम से आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि 15 नवम्बर 2022, मंगलवार को ध्वजारोहण, मंडप उद्घाटन, गर्भ कल्याणक महोत्सव होगा। इसके तहत प्रातः 6:30 श्री जिन शान्त्यभिषेक, पूजनादि, श्रीजिन देवाज्ञा एवं शासन देवाहवान, तीर्थ मंडलाराधना घट यात्रा मंदिर जी से प्रतिष्ठा स्थल (दशहरा मैदान, रिसाली), प्रातः 8:30 ध्वजारोहण, गुर्वाज्ञालंभन विधि, प्रतिष्ठाचार्य आमंत्रण, स्थल शुद्धि, आचार्य श्री का मंगल प्रवचन, शुभाशीषादि, शान्त्यभिषेक, पूजनादि, दोपहर 12:30 सकलीकरण, इन्द्र प्रतिष्ठा, नांदी विधान, मंडप प्रतिष्ठा, मंडलोद्वार, श्री यागपुंडल विधान, प्रतिष्ठेय बिम्बों का मंडपागमनादि, संध्या 6:30 श्री जी की भक्तिमय महाआरती, शास्त्र सभा, गर्भ कल्याणक एवं आकर शुद्धि, गर्भ कल्याणक की आंतरिक क्रियाएँ, महाराज नाभिराज का राज दरबार, महारानी मरूदेवी का आगमन, महाराज द्वारा 16 स्वप्नों का फलादेश, अष्ट कुमारियों द्वारा माता की सेवा, सीमांतनी क्रिया (गोद भराई) सांस्कृतिक कार्यक्रम |
इसी प्रकार 16 नवम्बर 2022 को जन्म कल्याणक महोत्सव के तहत प्रातः 6:30 श्री जिन शान्त्यभिषेक, पूजनादि, गर्भ कल्याणक, प्रातः 7:30 तीर्थकर जन्म, त्रिभुवन हर्ष, सौधर्मेन्द्र देव परिवार समूह राजभवन में प्रवेश, बधाईयां नृत्यादि, आचार्य श्री का मंगल प्रवचन । दोपहर 1:00 पांडुकशिला शोभायात्रा, जन्माभिषेक, श्रृंगारादि दोपहर 2:00 राजदरबार में बधाईयां, सौधर्म इन्द्र का तांडव नृत्य, नव निर्मित वेदी, शिखर शुद्धि आचार्य श्री का मंगल प्रवचन तथा संध्या 6:30 श्री जी की महाआरती, शास्त्र सभा, तीर्थकर बालक का पालना झूलना, बाल क्रीड़ादि, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसी प्रकार 17 नवंबर को तप कल्याण महोत्सव, 18 नवंबर को ज्ञान कल्याणक महोत्सव तथा 19 नवंबर को मोक्ष कल्याणक महोत्सव, विश्व शांति महायज्ञ व रथयात्रा महोत्सव व प्रतिष्ठित जिनबिंबों का महामस्तकाभिषेक व आचार्य श्री के मंगल आशीष के साथ शाम 6:30 बजे सम्मान समारोह होगा।
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