रायपुर. झारखंड के विधायकों के पहुंचने के बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कोलाहल से दूर नवा रायपुर शहर का ‘मेफेयर रिजॉर्ट’ राजनीति का केंद्र बन गया है. रिजॉर्ट मंगलवार से एक किले में तब्दील है. इस रिजॉर्ट में झारखंड से आए 32 विधायक और वरिष्ठ नेता ठहरे हुए हैं तथा बाहर मीडियार्किमयों तथा जनता का जमावड़ा है, जो इस शहर को ‘‘पर्यटन की राजनीति’’ का केंद्र बनते देख रहे हैं.
नवा रायपुर अटल नगर स्थित आलीशान मेफेयर रिजॉर्ट की सड़कें आमतौर पर सुनसान रहती हैं. लेकिन, मंगलवार शाम से लक्जरी बसों, मंहगी कारों और नेताओं के काफिले की आवाजाही से इस सड़क पर चहल-पहल काफी बढ़ गई. पल-पल की खबरों के लिए जहां रिजॉर्ट के बाहर पत्रकारों का जमावड़ा है. वहीं कौतुहल के कारण आए नागरिकों की भीड़ ने भी सड़क का सूनापन दूर कर दिया है.
कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ पिछले डेढ़ वर्ष से ‘‘पर्यटन की राजनीति’’ का केंद्र बन गया है. इस छोटी अवधि में यह तीसरी बार है, जब विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से बचने के लिए कांग्रेस या उसके सहयोगी दल के विधायकों को यहां ठहराया गया है.
इसी श्रृंखला में एक कड़ी मंगलवार शाम को तब जुड़ गई, जब पड़ोसी राज्य झारखंड में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने अपने 32 विधायकों को रायपुर के इस प्रसिद्ध रिजॉर्ट में भेज दिया. गठबंधन का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड में चल रहे राजनीतिक संकट का फायदा उठाकर कथित तौर पर उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर सकती है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार शाम को विधायकों के रिजॉर्ट पहुंचने से पहले इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई तथा अगले कुछ दिनों के लिए झारखंड से आए मेहमानों के लिए लगभग सभी 40 कमरे बुक कर लिए गए थे. कांग्रेस नेताओं ने बताया कि जब विधायक रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचे तब छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं रामगोपाल अग्रवाल और गिरीश देवांगन के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 15 और कांग्रेस के 17 विधायक पुलिस के एक काफिले के साथ तीन बसों में सवार होकर रिजॉर्ट तक पहुंचे.
उन्होंने बताया कि विधायकों के साथ कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी रायपुर पहुंचे हैं. इस बीच, समाचार संकलन के लिए रिजॉर्ट के करीब जमा हुए कुछ मीडियार्किमयों और लोगों ने मंगलवार को एक वाहन को देखा जिस पर ‘छत्तीसगढ़ सरकार आॅन ड्यूटी‘ लिखा हुआ था और वह रिजॉर्ट की ओर शराब की बोतलें ले जा रही थी.
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, विपक्षी दल भाजपा ने सत्ताधारी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ इस तरह के अनैतिक कृत्य के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कभी माफ नहीं करेगा.’’ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन ंिसह ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘भूपेश जी कान खोलकर सुन लीजिए! छत्तीसगढ़ अय्याशी का अड्डा नहीं है, जो छत्तीसगढ़ियों के पैसे से झारखंड के विधायकों को दारू-मुर्गा खिला रहे हैं.
असम, हरियाणा के बाद अब झारखंड के विधायकों का डेरा, इन अनैतिक कार्यों के लिए. छत्तीसगढ़ महतारी (मां) आपको कभी माफ नहीं करेगी.’’ वीडियो वायरल होने के बाद इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया और कहा कि उनकी पार्टी या सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि खरीद-फरोख्त की आशंका के कारण झारखंड के विधायक छत्तीसगढ़ आए हैं.
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायकों के साथ नहीं आए हैं. हालांकि, बुधवार शाम तक वह रायपुर पहुंच सकते हैं.
होटल व्यवसाय से जुड़े एक व्यवसायी ने बताया कि मेफेयर गोल्फ रिजॉर्ट के कमरे के किराए के संबंध में आॅनलाइन जानकारी नहीं मिली है, हालांकि इसी तरह की अन्य सुविधा के मेफेयर लेक रिजॉर्ट में छूट के बाद लगभग 4200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से कमरा लिया जा सकता है.
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