छत्तीसगढ़ समेत देशभर में आने वाले त्योहार नवरात्र, दशहरा , दीपावली के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इन त्योहारों में शहर में सड़कों पर पंडाल और स्वागत द्वार नहीं लगाए जा सकेंगे । इसको लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी किया है। अब इसे छत्तीसगढ़ का प्रशासन लागू कराएगा। प्रदेश के आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय ने तमाम कलेक्टर और एसपी को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।
निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल बेंच के आदेश की वजह से अब सड़कों पर पंडाल या स्वागत द्वार नहीं लगाए जा सकेंगे। प्रशासन की अनुमति के बिना यदि कोई पंडाल या स्वागत द्वार सड़क पर लगाया जाता है, तो इसे फौरन हटाया जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि धार्मिक और सामाजिक स्तर पर निकाले जाने वाले जुलूस में ध्वनि और वायु प्रदूषण न हो इसका भी पूरी तरह से ध्यान रखना होगा। तेज आवाज में डीजे बजाकर निकलने वाले जुलूस पर कार्रवाई होगी। सड़कों पर पंडाल या स्वागत द्वार बनाए जाने वालों पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई बड़े शहरों में दुर्गा पूजा, दिवाली, दशहरा के मौके पर इस तरह के स्वागत द्वार और पंडाल लगाए जाते हैं। आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि, ऐसे पंडालों की वजह से सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या होती है। इस वजह से एनजीटी के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
नागरिक संघर्ष समिति ने की थी मांग
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के बाद आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन ने यह निर्देश जारी किया है। समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हमने एनजीटी में शिकायत की थी। खांसी अस्थमा के मरीज शहर में बढ़ रहे हैं, शहरी और ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के बाद बच्चों बुजुर्गों के फेफड़े रूप से कमजोर हो गए हैं। समिति के सदस्यों ने मुख्य सचिव अपर मुख्य सचिव आवास एवं पर्यावरण कलेक्टर पुलिस अधीक्षक नगर निगम कमिश्नर सभी जोन कमिश्नर और थानेदारों को इस एनजीटी के पत्र से अवगत कराया है। जिसमें एनजीटी ने स्वागत द्वार पंडाल और जुलूस में नियमों का पालन कराने की बात कही है।
+ There are no comments
Add yours